पुरी (ओडिशा)।
पुरी में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक और भव्य रथ यात्रा शुक्रवार शाम 4 बजे विधिवत रूप से शुरू हो गई। यह यात्रा हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को आयोजित होती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा विशेष रथों पर सवार होकर अपने मौसी के घर गुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलते हैं।

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सुबह सबसे पहले भगवान की मंगल आरती और पूजा विधि-विधान से की गई। इसके बाद तीनों देवताओं को पारंपरिक रथों पर विराजित किया गया –

  • भगवान जगन्नाथ को नंदी घोष रथ पर,
  • देवी सुभद्रा को दर्पदलन रथ पर,
  • और भगवान बलभद्र को तालध्वज रथ पर।

तीनों रथों को फूलों, पारंपरिक झंडों, लकड़ी की नक्काशी और रंगीन वस्त्रों से सजाया गया है।

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PURI, JUNE 27 (UNI):- Temple servitors (Sevayats) perform rituals of three Chariots place in front of Lord Shree Jagannath temple during annual Rath yatra festival in Puri on Friday.UNI PHOTO-2U

गजपति महाराज ने निभाई परंपरा, सोने की झाड़ू से की ‘छेरा पहरा’

रथ यात्रा से पहले ओडिशा के राजपरिवार के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने पारंपरिक ‘छेरा पहरा’ की रस्म निभाई। दोपहर करीब 3 बजे उन्होंने तीनों रथों के आगे सोने की झाड़ू से सफाई कर भगवान के प्रति समर्पण भाव प्रकट किया। यह रस्म रथयात्रा की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है और इसकी मान्यता अत्यंत पवित्र है।\

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लाखों श्रद्धालु उमड़े, 12 लाख से अधिक की भीड़ का अनुमान

पुरी रथयात्रा को देखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए इस बार 10 से 12 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। ओडिशा के एडीजी संजय कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से विशेष इंतजाम किए गए हैं।

  • पूरे रथमार्ग पर क्राउड मैनेजमेंट,
  • सीसीटीवी कैमरे,
  • ड्रोन से निगरानी,
  • और हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
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तीन किलोमीटर की यात्रा, गुंडिचा मंदिर में होगा विश्राम

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथों पर सवार होकर करीब 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे, जो उनकी मौसी का घर माना जाता है। यहां वे नौ दिन तक विश्राम करेंगे। इस दौरान भक्त दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। इसके बाद ‘बहुड़ा यात्रा’ के माध्यम से भगवान वापस अपने निवास श्रीमंदिर लौटते हैं।

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अहमदाबाद सहित देशभर में भी रथयात्राओं का आयोजन

पुरी के साथ-साथ अहमदाबाद, कोलकाता, रायपुर, भोपाल, दिल्ली, मुंबई, रांची सहित कई शहरों में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई।

अहमदाबाद:

यहां की यात्रा को देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है।

  • सुबह 4 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगल आरती की।
  • इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक पाहिंड विधि निभाई और रथ यात्रा की शुरुआत की।
  • यात्रा शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरी और रात करीब 8:30 बजे भगवान पुनः मंदिर लौटे।

रथ यात्रा के दौरान गुजरात पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों ने सुरक्षा और जनसुविधा की व्यवस्था संभाली।

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प्रमुख जानकारियां संक्षेप में:

  • रथ यात्रा की शुरुआत: शाम 4 बजे (पुरी)
  • छेरा पहरा रस्म: गजपति दिव्य सिंह देव द्वारा
  • रथ यात्रा की दूरी: करीब 3 किमी (पुरी से गुंडिचा मंदिर तक)
  • अनुमानित भीड़: 10-12 लाख (पुरी)
  • अहमदाबाद में रथयात्रा की शुरुआत: सुबह 7 बजे
  • देश के कई शहरों में निकली रथ यात्राएं

https://swadeshjyoti.com/jagannath-rath-yatra-complete-details-2025/