September 17, 2025 8:38 AM

पंजाब-हरियाणा में बाढ़ से तबाही, अब तक 48 मौतें : हिमाचल के कुल्लू में भूस्खलन, दिल्ली में यमुना का पानी सड़कों पर; श्रीनगर व कश्मीर घाटी में बाढ़ का अलर्ट

  • पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हालात गंभीर बने हुए हैं
  • जम्मू-कश्मीर में झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और श्रीनगर समेत कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी

चंडीगढ़/दिल्ली/शिमला/श्रीनगर । उत्तर भारत इस समय भीषण बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हालात गंभीर बने हुए हैं। पंजाब-हरियाणा में बाढ़ से अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भूस्खलन से कई घर ढह गए और दिल्ली में यमुना का पानी शहर के अंदर घुसकर लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। जम्मू-कश्मीर में झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और श्रीनगर समेत कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पंजाब के सभी जिले बाढ़ की चपेट में

पंजाब में बाढ़ का असर भयावह हो चुका है। राज्य के सभी 23 जिलों में पानी भर गया है। करीब 1,655 गांवों में 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। 1 अगस्त से 3 सितंबर तक 37 लोगों की जान बाढ़ ने ले ली, जबकि पठानकोट जिले में तीन लोग अब भी लापता हैं। गांव-गांव में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं, घरों में पानी घुस गया है और कई गांवों का संपर्क कट चुका है। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर बनाए गए हैं, लेकिन वहां भी सुविधाओं का अभाव है। पीने के पानी और दवाइयों की किल्लत से लोग परेशान हैं।

DELHI, SEP 03 (UNI):- A top angle view shows the devastation caused by Yamuna floodwaters in Mayur Vihar, Delhi on Wednesday. UNI PHOTO-Prem Singh Bisht 6U

हरियाणा में हालात बिगड़े, 11 मौतें

हरियाणा के हिसार, अंबाला, पंचकूला और रोहतक जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है। सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। दिल्ली से छोड़े गए पानी के कारण फरीदाबाद और आसपास के इलाके खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और राहत व बचाव कार्य जारी है।

दिल्ली में यमुना का पानी शहर के अंदर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार सुबह मयूर विहार फेज-1 और मठ मार्केट इलाके में एक फीट तक पानी भर गया। राहत शिविरों में भी पानी घुस गया है, जिससे वहां ठहरे लोग बेहाल हैं। दिल्ली के अलीपुर में नेशनल हाईवे-44 पर फ्लाईओवर का एक हिस्सा धंस गया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति लगातार बारिश और पानी छोड़े जाने की वजह से बनी है।

हिमाचल में भूस्खलन, कुल्लू में तबाही

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार सुबह बड़ा भूस्खलन हुआ। दो मकान मलबे में दब गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि छह लोग अब भी अंदर फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बुधवार को भी कुल्लू में भूस्खलन हुआ था और एक एनडीआरएफ जवान 24 घंटे तक मलबे में दबा रहा, जिसे आज सकुशल बाहर निकाला गया। हिमाचल में कई सड़कों का संपर्क कट चुका है। पहाड़ों से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है।

कश्मीर में बाढ़ का खतरा, लगातार बंद स्कूल-कॉलेज

कश्मीर घाटी में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कोचिंग सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए। झेलम और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर कम होना शुरू जरूर हुआ है, लेकिन अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिलों में कई इलाके डूबे हुए हैं।

श्रीनगर में अलर्ट, निचले इलाकों को खाली करने का आदेश

झेलम नदी का जलस्तर 21 फीट पार कर गया है। बडगाम जिले के कई इलाकों में बाढ़ आने के बाद प्रशासन ने श्रीनगर के निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की एडवाइजरी जारी की है। लासजन, सोइतेंग, नौगाम, व्येथपोरा, गोलपोरा, पदशाहीबाग और महजूरनगर के निवासियों को घर खाली करने को कहा गया है। डल झील के किनारे रहने वाले परिवारों को भी चेतावनी दी गई है। झील का जलस्तर 10.5 फीट तक पहुंच गया है और किसी भी समय राम मुंशी बाग गेट खोलना पड़ सकता है।

प्रशासनिक लापरवाही और लोगों की नाराज़गी

प्रभावित राज्यों के लोगों का आरोप है कि प्रशासन समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया। न तो पर्याप्त नावें उपलब्ध कराई गईं, न ही राहत सामग्री समय पर पहुंची। कई गांवों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो चुकी है। लोग सोशल मीडिया पर लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।

राहत-बचाव कार्य जारी

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान राहत कार्यों में जुटे हैं। पंजाब और हरियाणा के प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी एनडीआरएफ की कई टीमें तैनात की गई हैं। हालांकि राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश से हालात और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।

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