- केंद्र सरकार ने पंजाब को रूपए 1600 करोड़ की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया है, ताकि प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से हो सकें
नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से हालात अब भी बेहद गंभीर बने हुए हैं। पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 2000 गांवों में पानी भरा हुआ है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन जलभराव की वजह से कई क्षेत्रों तक पहुंचना अब भी चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार ने पंजाब को ₹1600 करोड़ की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया है, ताकि प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से हो सकें।
पंजाब में राहत कार्य जारी, हजारों लोग प्रभावित
पंजाब के लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर, होशियारपुर और पटियाला सहित कई जिलों में हजारों घर पानी में डूब गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
- प्रशासन की ओर से कई गांवों में राहत शिविर बनाए गए हैं।
- प्रभावित परिवारों को भोजन, पीने का पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।
- कई जगहों पर नाव और राफ्ट के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
राज्य सरकार का कहना है कि अगले कुछ दिनों में अगर बारिश नहीं हुई तो हालात कुछ हद तक सामान्य हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल स्थिति नाजुक बनी हुई है।
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे 16 दिन बाद बहाल
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और लगातार भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की वजह से पिछले 16 दिनों से बंद जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) को बुधवार को दोबारा खोल दिया गया।
- यह सड़क जम्मू घाटी की लाइफलाइन मानी जाती है, जिसके जरिए कश्मीर में जरूरी सामान और फलों की आपूर्ति होती है।
- हाईवे को बंद रखने का सबसे बड़ा कारण रामबन और उदयपुर जिलों में लगातार भूस्खलन था।
- अब सड़क खुलने से ट्रक और अन्य गाड़ियां फिर से घाटी की ओर रवाना हो रही हैं।
इस बीच, लद्दाख के सियाचिन बेस कैंप में हुए हिमस्खलन (Avalanche) में तीन जवान शहीद हो गए। सेना ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और बाकी जवान सुरक्षित हैं।
हरियाणा में सामान्य से 46% ज्यादा बारिश
हरियाणा में मानसून के इस सीजन में बारिश सामान्य से कहीं ज्यादा हो रही है।
- 9 सितंबर तक औसत वर्षा 385.1 मिमी रहती थी, लेकिन इस बार यह बढ़कर 563.8 मिमी हो गई है।
- यानी 46% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
- सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर जिले में 1080.8 मिमी रिकॉर्ड की गई है।
लगातार बारिश के कारण कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं।

गुजरात में 16 इंच बारिश, कई गांवों में 5 फीट तक पानी
गुजरात के बनासकांठा समेत तीन जिलों में पिछले दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हुई है।
- इससे वाव-थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
- दर्जनों गांवों में 5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह कट गया है।
- प्रशासन ने कई गांवों में बोट और राहत टीमों को तैनात किया है।
स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
- नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
- बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
स्थिति का व्यापक असर
इन राज्यों में बारिश और बाढ़ का असर यातायात, कृषि और अर्थव्यवस्था पर साफ दिख रहा है।
- फसलों के नुकसान से किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है।
- सड़क और रेल यातायात बाधित होने से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है।
- सरकार ने आपदा प्रबंधन टीमों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया है।