• पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया

पठानकोट/मंडी/गुरुग्राम/दिल्ली। उत्तर भारत में मानसून की भारी बारिश ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। प्रदेश के सभी 23 जिले बाढ़ग्रस्त हैं, और लगभग 1200 से अधिक गांवों में पानी घुस गया है। अब तक बाढ़ में 30 लोगों की मौत हुई है, जबकि 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर और बठिंडा हैं।

बाढ़ के बीच बचाव और राहत कार्य

राज्य प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। गुरदासपुर में अकेले 324 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। पानी के बढ़ते स्तर और राहत कार्यों को देखते हुए सेना और एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं।

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दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205 मीटर को पार कर 206.80 मीटर तक पहुँच गया है। नदी के किनारे बने लोहे के पुलों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। यमुना बाजार और तिब्बती बाजार में पानी भर गया है। निचले इलाकों से लगभग 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू किया गया। दिल्ली के स्कूल बंद रखे गए हैं, जबकि ऑनलाइन क्लासेज जारी हैं।

हरियाणा में स्कूल बंद, ग्रामीण प्रभावित

हरियाणा में भी हालात भयावह हैं। झज्जर, हिसार, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पंचकूला समेत अन्य जिलों के 200 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया है। प्रशासन ने लोगों से पानी में बाहर निकलने से परहेज करने और सतर्क रहने की अपील की है।

हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण 1300 से अधिक सड़कें बंद हैं। पिछले 24 घंटे में विभिन्न हादसों में 10 लोगों की मौत हुई है। खासकर कुल्लू और मंडी में लैंडस्लाइड ने भारी नुकसान पहुंचाया। कुल्लू में आज सुबह हुई लैंडस्लाइड में 2 लोगों की मौत हुई, जबकि मंडी के सुंदरनगर में कल शाम दो मकानों पर मलबा गिरा। मलबे से अब तक 3 शव बरामद किए गए हैं। हिमाचल के 7 जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए हैं।

उत्तर प्रदेश में जलभराव और बाढ़

उत्तर प्रदेश के 20 शहरों में तेज बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में जगह-जगह सड़कें जलमग्न हैं। मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर बाढ़ के हालात पैदा कर चुका है। बांके बिहारी मंदिर से यमुना का पानी केवल 400 मीटर दूर है। यहां लगभग 900 परिवार प्रभावित हुए हैं। आगरा में यमुना का पानी ताजमहल की बाउंड्री तक पहुँच गया है, जिससे ऐतिहासिक स्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड बारिश

मध्य प्रदेश में इस मानसून में अब तक 970.28 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सीजन की अनुमानित 800.1 मिमी से काफी अधिक है। यह राज्य की सामान्य औसत 939.8 मिमी से भी ज्यादा है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत बारिश 1117.6 मिमी थी।

प्रशासन की सतर्कता और चेतावनी

प्रशासन ने प्रभावित राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदी और नालों के पास न जाएँ, घरों की ऊँची मंजिलों पर सुरक्षित रहें और आपदा प्रबंधन की टीमों के निर्देशों का पालन करें। एनडीआरएफ और राज्य राहत दल प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं।

इस आपदा ने पूरे उत्तर भारत में मानसून की गंभीरता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 48 घंटे में बारिश और जलस्तर बढ़ने की संभावना है, इसलिए लोगों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।