July 31, 2025 4:01 PM

1984 सिख विरोधी दंगे: पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा केस में दो नए गवाहों के बयान दर्ज

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जगदीश टाइटलर पर भीड़ को उकसाने का आरोप, अगली सुनवाई 4 अगस्त को

नई दिल्ली। 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े बहुचर्चित पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में सोमवार को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दो नए गवाहों कुलवंत कौर और तेजिंदर सिंह के बयान दर्ज किए गए। स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने दोनों गवाहों की गवाही के बाद मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि इस केस में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को आरोपी बनाया गया है, जिन पर भीड़ को उकसाने और सिखों की हत्या में भूमिका निभाने के गंभीर आरोप हैं। सोमवार को टाइटलर के वकील अनिल शर्मा ने दोनों गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन किया।

पहले भी गवाही में टाइटलर की पहचान

इससे पूर्व 12 जुलाई को गवाह हरपाल कौर बेदी ने अदालत में गवाही देते हुए टाइटलर की स्पष्ट पहचान की थी और आरोप लगाया था कि घटना वाले दिन टाइटलर ने स्वयं पुलबंगश गुरुद्वारे पर भीड़ को उकसाया। उनकी गवाही के अनुसार, टाइटलर की उकसाहट के बाद भीड़ ने गुरुद्वारे में आग लगा दी और तीन सिखों की हत्या कर दी।

हरपाल कौर ने बताया कि घटना के समय उनकी दुकान गुरुद्वारे के पास थी, जिसे लूटा गया। उन्होंने कहा कि उनके पति अमरजीत बेदी कांग्रेस के नेता थे, और टाइटलर अकसर उनकी दुकान पर आता था, इसलिए वह उसे भलीभांति पहचानती हैं। उन्होंने दावा किया कि धमकियों के बावजूद उन्होंने पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

गवाहों और साक्ष्यों की कड़ी

इस केस में लगातार गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। कोर्ट ने 9 जुलाई को रविंद्र सिंह चौहान का बयान दर्ज किया था। 16 मई को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके का क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ था। 18 मार्च को फोरेंसिक विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी अमितोष कुमार के बयान दर्ज किए गए थे।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी जानकारी दी गई कि एक अन्य गवाह हरविंदर जीत सिंह की मृत्यु हो चुकी है।

टाइटलर पर बढ़ता दबाव

नए गवाहों की गवाही और टाइटलर की अदालत में पहचान किए जाने के बाद केस में गंभीर मोड़ आ चुका है। यह मामला तीन सिखों की नृशंस हत्या, गुरुद्वारे को जलाने और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने से जुड़ा है। अब यह देखना अहम होगा कि आगामी सुनवाई में केस किस दिशा में बढ़ता है।



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