प्रो. मिलिन्द दत्तात्रेय दाण्डेकर बने भोज विश्वविद्यालय के कुलगुरु, तीन दशक का अनुभव

भोपाल। मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय को नया कुलगुरु मिल गया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने प्रो. मिलिन्द दत्तात्रेय दाण्डेकर को विश्वविद्यालय का कुलगुरु नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 (क्रमांक 20) की धारा 09 की उपधारा (1) और सहपठित परिनियम-1 के अंतर्गत की गई है।

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चार वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक कार्यकाल

जारी आदेश के अनुसार, प्रो. दाण्डेकर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की अवधि तक अथवा 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) कुलगुरु पद पर कार्यरत रहेंगे। उनकी सेवा शर्तें और निबंधन विश्वविद्यालय के परिनियम-1ए के अनुसार निर्धारित होंगी।


शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव

प्रो. दाण्डेकर वर्तमान में गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, इंदौर के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े हुए थे। उनके पास अकादमिक, अनुसंधान और प्रशासन का तीन दशकों से अधिक का अनुभव है।

  • वे तकनीकी विषयों के विशेषज्ञ होने के साथ-साथ ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग सिस्टम की जरूरतों और चुनौतियों को भी गहराई से समझते हैं।
  • उन्होंने इंजीनियरिंग शिक्षा और प्रबंधन प्रणाली में कई उल्लेखनीय शोध व योगदान दिए हैं।

भोज विश्वविद्यालय के लिए महत्व

भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का प्रमुख ओपन यूनिवर्सिटी संस्थान है, जो दूरी शिक्षा (Distance Education) के माध्यम से लाखों विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराता है। प्रो. दाण्डेकर का तकनीकी और प्रशासनिक अनुभव इस विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और संरचनात्मक विकास में नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के परिप्रेक्ष्य में ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग की भूमिका बढ़ने वाली है। ऐसे में अनुभवी शैक्षणिक नेतृत्व का मिलना विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है।