• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब के जेद्दा शहर की यात्रा पर रहेंगे
  • प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से द्विपक्षीय मुद्दों और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे
  • रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया की स्थिति और कई अहम समझौतों पर बातचीत होने की उम्मीद है

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब के लिए रवाना हुए हैं, जहां वह जेद्दा में 22 और 23 अप्रैल को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ अहम बैठकों में भाग लेंगे। यह दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत-सऊदी रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाने की रणनीतिक कवायद है। भारत के सऊदी अरब स्थित राजदूत सुहेल एजाज खान ने जानकारी दी कि पीएम मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस ‘रणनीतिक साझेदारी परिषद’ की दूसरी उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे, जिनसे व्यापार, ऊर्जा, तकनीक और सुरक्षा क्षेत्र में नया द्वार खुलेगा।

तीसरे कार्यकाल की पहली सऊदी यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उनके तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब की पहली यात्रा है। इससे पहले वह 2016 और 2019 में वहां जा चुके हैं। गौरतलब है कि क्राउन प्रिंस सलमान ने पिछले साल जी20 सम्मेलन के दौरान भारत आकर पहली रणनीतिक बैठक में भाग लिया था। अब जेद्दा में दूसरी बैठक दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करेगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस परिषद के दो मुख्य स्तंभ — राजनीतिक और आर्थिक — हैं, जिन्हें संबंधित मंत्रालय संचालित करते हैं। उन्होंने इस यात्रा को 'नए युग की शुरुआत' बताया, जहां भारत और सऊदी अरब न केवल आपसी रिश्ते गहरे करेंगे, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी साझा दृष्टिकोण विकसित करेंगे।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी होगी चर्चा

इस उच्चस्तरीय बैठक का दायरा सिर्फ द्विपक्षीय सहयोग तक सीमित नहीं रहेगा। विदेश सचिव ने संकेत दिया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी दोनों नेता बात करेंगे। भारत पहले ही शांति की पहल को प्राथमिकता देने की बात कह चुका है, और अब सऊदी अरब की इस प्रक्रिया में भूमिका पर भी विचार हो सकता है।

भारतीय समुदाय बना सेतु

सऊदी अरब में करीब 27 लाख भारतीय रहते और काम करते हैं। यह प्रवासी समुदाय दोनों देशों के रिश्तों का मानवीय सेतु है। दोनों सरकारें इनके कल्याण को भी प्राथमिकता में रखती हैं। भारत और सऊदी अरब के रिश्ते 1947 से हैं, लेकिन 2010 में जब इन्हें रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिला, तब से सहयोग का दायरा लगातार बढ़ता गया है। वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक भारत के 11 मंत्री सऊदी यात्रा कर चुके हैं, जो इस बढ़ते रिश्ते का प्रमाण है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच एक भरोसेमंद, बहुआयामी और भविष्यगामी संबंध का प्रतीक बनकर उभर सकता है।