• राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन के एक प्रमुख चर्च का दौरा किया और पुर्तगाल के प्रसिद्ध कवि लुइस वाज डी कैमोज की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए

लिस्बन (पुर्तगाल)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने पहले पुर्तगाल दौरे पर हैं, जहां ऐतिहासिक राजधानी लिस्बन में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें लिस्बन शहर के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘की ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। यह समारोह शहर के ऐतिहासिक टाउनहॉल कैमरा म्यूनिसिपल दे लिस्बोआ में आयोजित हुआ, जहां पुर्तगाल के अधिकारियों, राजनयिकों और भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को खास बना दिया।

चर्च यात्रा और कैमोज को श्रद्धांजलि

सम्मान समारोह के बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन के एक प्रमुख चर्च का दौरा किया और पुर्तगाल के प्रसिद्ध कवि लुइस वाज डी कैमोज की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कैमोज पुर्तगाल के सांस्कृतिक गौरव माने जाते हैं और उन्हें पुर्तगाली साहित्य का शेक्सपीयर कहा जाता है। इस श्रद्धांजलि के माध्यम से राष्ट्रपति ने दोनों देशों के सांस्कृतिक और साहित्यिक संबंधों को सम्मान दिया।

भारत-पुर्तगाल संबंधों की हुई सराहना

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, "पुर्तगाल की अपनी पहली राजकीय यात्रा के तहत लिस्बन आकर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। यहां की जनता और प्रशासन ने जिस आत्मीयता से मेरा स्वागत किया है, उसके लिए मैं आभारी हूं।" उन्होंने कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते सदियों पुराने हैं, और यह साझा विरासत आज भी जीवंत है।

यूरोप में भारत का खास साझेदार

राष्ट्रपति ने पुर्तगाल को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि वह यूरोपीय संघ और लुसोफोन देशों के साथ भारत के संबंधों को गहराई देने में एक अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जो एक समावेशी, समृद्ध और मानव-केंद्रित समाज की स्थापना का लक्ष्य रखता है।

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