राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का वृंदावन दौरा: बांके बिहारी से लेकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान तक किए दर्शन
मथुरा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को दुनिया की सबसे लग्जरी ट्रेन मानी जाने वाली महाराजा एक्सप्रेस से वृंदावन पहुंचकर धार्मिक यात्रा की। सुबह 8 बजे दिल्ली से रवाना होकर वह करीब 10 बजे वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन पहुँचीं। राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर मथुरा और वृंदावन में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे।
महाराजा एक्सप्रेस के 18 में से 12 कोच केवल राष्ट्रपति और उनके स्टाफ के लिए आरक्षित रखे गए थे। इनमें प्रेसिडेंशियल सुइट, डीलक्स सुइट, रेस्टोरेंट, लाउंज और पावर कार शामिल थीं। राष्ट्रपति कुल 7 घंटे मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में रहीं और धार्मिक स्थलों पर दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया।

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन
राष्ट्रपति का पहला पड़ाव वृंदावन का प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर रहा। यहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की और करीब आधे घंटे तक मंदिर में रहीं। मंदिर के गोस्वामी फ्रैंकी गोस्वामी ने पूजा संपन्न करवाई। राष्ट्रपति ने ठाकुर जी को भेंटस्वरूप लिफाफा भी अर्पित किया।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति का आगमन वृंदावन के लिए बड़े गर्व की बात है। सबसे पहले उन्होंने बिहारी जी के चरणों में शीश नवाया और परिवार सहित दर्शन कर आशीर्वाद लिया।

निधिवन में परिक्रमा और वृक्षों की पूजा
इसके बाद राष्ट्रपति निधिवन पहुँचीं। यहाँ उन्होंने वृक्षों की पूजा की और लगभग 500 मीटर की परिक्रमा लगाई। निधिवन की रहस्यमयी परंपराओं और धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी लेकर वह गहराई से प्रभावित हुईं।

श्रीकुब्जा मंदिर और सुदामा कुटी का दौरा
राष्ट्रपति मुर्मू ने वृंदावन स्थित श्रीकुब्जा मंदिर और सुदामा कुटी में भी दर्शन-पूजन किया। यहां पुजारियों ने उन्हें पटका पहनाकर स्वागत किया। आरती में शामिल होकर राष्ट्रपति ने श्रीकृष्ण के दर्शन किए और भक्तिरस में सराबोर हुईं।

होटल रेडिशन में विश्राम और लंच
दोपहर में राष्ट्रपति वृंदावन के छटीकरा मार्ग स्थित होटल रेडिशन पहुँचीं। यहाँ उन्होंने दोपहर 3 बजे तक विश्राम किया और वहीं लंच किया। होटल में उनके आराम और भोजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन
विश्राम के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान का दौरा किया। राष्ट्रपति बनने के बाद श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुँचने वाली वह देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने भी यहाँ दर्शन किए थे।
जन्मस्थान मंदिर परिसर में राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने यहां दर्शन-पूजन कर भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद लिया।
ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक जुड़ाव
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इस यात्रा ने मथुरा और वृंदावन क्षेत्र के धार्मिक महत्व को और बढ़ा दिया। स्थानीय लोगों और मंदिर समितियों ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया। श्रद्धालुओं ने कहा कि राष्ट्रपति का आगमन यहाँ की आध्यात्मिक धरोहर के प्रति पूरे देश का ध्यान आकर्षित करेगा।

दिल्ली वापसी
पूरे दिन धार्मिक स्थलों पर दर्शन-पूजन करने और स्थानीय संस्कृति को करीब से अनुभव करने के बाद राष्ट्रपति शाम करीब 5 बजे दिल्ली रवाना हो गईं।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही बल्कि इससे वृंदावन और मथुरा की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूत हुई।
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