• देश की पहली राष्ट्रपति बनीं जिन्होंने किया बाबा नीम करौली के पवित्र धाम का दर्शन; सुरक्षा के कड़े इंतजाम, कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में होंगी मुख्य अतिथि

हल्द्वानी। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित प्रसिद्ध बाबा नीम करौली के कैंची धाम में सोमवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की। यह एक ऐतिहासिक अवसर रहा, क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार कोई राष्ट्रपति इस पवित्र धाम में पहुंचा। राष्ट्रपति मुर्मू ने यहां बाबा नीम करौली महाराज से राष्ट्र की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

सुबह से ही कैंची धाम परिसर में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रपति की यात्रा के कारण मंदिर प्रशासन ने सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रखा।

नयना देवी मंदिर में की आरती, मांगी देश की खुशहाली की प्रार्थना

कैंची धाम पहुंचने से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शक्तिपीठ मां नयना देवी मंदिर में पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने मां नयना देवी से राष्ट्र की तरक्की और जनकल्याण की प्रार्थना की। मंदिर में उन्होंने आरती में भाग लिया और कुछ समय तक ध्यान मुद्रा में बैठीं।

सुरक्षा व्यवस्था रही अभेद्य, पूरा इलाका घोषित किया गया रेड जोन

राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने नैनीताल और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए। एसएसपी नैनीताल मंजूनाथ टी.सी. ने पूरे क्षेत्र को रेड जोन घोषित किया। सुरक्षा व्यवस्था में 1500 से अधिक अधिकारी और जवान तैनात किए गए थे। पूरे इलाके में पुलिस, एसपीजी, और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त निगरानी रही।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत कैंची धाम, नयना देवी मंदिर और राजभवन क्षेत्र में आम नागरिकों की आवाजाही पर नियंत्रण रखा गया। आसपास की सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई और हर वाहन की जांच की जा रही थी।

राष्ट्रपति का भव्य स्वागत, हेलिकॉप्टर से पहुंचीं हल्द्वानी

राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार शाम हल्द्वानी के आर्मी हेलीपैड पर उतरा। वहां उनका स्वागत राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, डीएम ललित मोहन रयाल, एसएसपी मंजूनाथ टी.सी., मेयर गजराज बिष्ट और आर्मी स्टेशन कमांडेंट सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।

राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला सीधे राजभवन, नैनीताल के लिए रवाना हुआ, जहां उन्होंने रात्रि भोज और विश्राम किया।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में होंगी मुख्य अतिथि

कैंची धाम और नयना देवी मंदिर के दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। कार्यक्रम सुबह 11:35 बजे से 12:15 बजे तक आयोजित होगा। इस दौरान वह 20 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान करेंगी।

यह विश्वविद्यालय का 51वां स्थापना वर्ष है, और यह अवसर इसलिए भी विशेष है क्योंकि पहली बार देश की प्रथम नागरिक इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि होंगी।

कुलपति और शिक्षकों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू के आगमन से विश्वविद्यालय परिवार में उत्साह का माहौल है। समारोह के लिए हॉल को पारंपरिक कुमाऊं संस्कृति के अनुसार सजाया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने किया स्वागत, आम जनता में उत्साह

राष्ट्रपति के आगमन को लेकर नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। सड़क के दोनों ओर स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने तिरंगा लहराते हुए राष्ट्रपति का स्वागत किया। हालांकि सुरक्षा कारणों से लोगों को कैंची धाम के भीतर प्रवेश नहीं दिया गया, लेकिन सड़कों पर भारी भीड़ रही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “राष्ट्रपति का उत्तराखंड आगमन राज्य के लिए गौरव का क्षण है। बाबा नीम करौली के धाम पर उनका आगमन आध्यात्मिक सौभाग्य का प्रतीक है।”

राष्ट्र की समृद्धि के लिए की गई प्रार्थना

कैंची धाम के पुजारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने मंदिर में पहुंचकर महाआरती की और बाबा नीम करौली से राष्ट्र की एकता, शांति और खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा। उन्होंने बाबा की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और कुछ समय ध्यान लगाया।