राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर जाएंगी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 8 से 13 नवंबर 2025 तक अफ्रीकी देशों अंगोला और बोत्सवाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर जाएंगी। यह किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की इन दोनों देशों की पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जो भारत की “अफ्रीका के साथ साझेदारी” को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा भारत और अफ्रीका के बीच दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी को और मजबूत करने का प्रतीक है। मंत्रालय ने कहा कि भारत और अफ्रीकी देशों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, तकनीक, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है, और यह यात्रा उसी दिशा में नए अवसर खोलेगी।

अंगोला में भारत-अंगोला संबंधों के 40 वर्ष पूरे

राष्ट्रपति मुर्मु 8 से 11 नवंबर तक अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोनकाल्वेस लौरेंको के निमंत्रण पर अंगोला का दौरा करेंगी। यह दौरा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है।

भारत और अंगोला ने वर्ष 1985 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा, कृषि, और शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं।

9 नवंबर को राष्ट्रपति मुर्मु और राष्ट्रपति लौरेंको के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इस दौरान दोनों देश व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मु 11 नवंबर को अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। यह समारोह अंगोला की राजधानी लुआंडा में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कई अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी भाग लेंगे।

इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मु अंगोला की संसद को संबोधित करेंगी, जहाँ वे भारत-अंगोला संबंधों की गहराई और वैश्विक दक्षिण के साझा दृष्टिकोण पर बात करेंगी। वह वहां बसे भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगी, जो स्थानीय उद्योग, चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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बोत्सवाना यात्रा: सहयोग के नए आयाम

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति मुर्मु 11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना का दौरा करेंगी। यह दौरा बोत्सवाना के राष्ट्रपति एडवोकेट डुमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर हो रहा है।

भारत और बोत्सवाना के संबंध सदियों पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक बंधनों पर आधारित हैं। भारत ने बोत्सवाना को स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल विकास के क्षेत्र में निरंतर सहयोग प्रदान किया है।

12 नवंबर को राष्ट्रपति मुर्मु और राष्ट्रपति बोको के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें व्यापार, खनिज संसाधन, जलवायु परिवर्तन, और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। दोनों देशों के बीच संयुक्त व्यापार परिषद और नई शैक्षणिक पहल शुरू करने पर भी सहमति बनने की उम्मीद है।

राष्ट्रपति मुर्मु बोत्सवाना की नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगी और वहां के भारतीय मूल के नागरिकों से भी संवाद करेंगी। इसके अलावा वे गाबोरोन शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण करेंगी, जिनमें नेशनल म्यूजियम और राष्ट्रपति स्मारक परिसर शामिल हैं।

भारत-अफ्रीका साझेदारी को नई दिशा

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत की “अफ्रीका नीति” को और मजबूती देगी। भारत लंबे समय से अफ्रीकी देशों के साथ दक्षिण-दक्षिण सहयोग की नीति पर काम करता रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, खनिज संसाधन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत ने कई अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी विकसित की है।

राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा इस संबंध को नए रणनीतिक स्तर तक ले जाने का अवसर प्रदान करेगी।

भारतीय समुदाय की भूमिका पर विशेष जोर

अंगोला और बोत्सवाना दोनों में भारतीय समुदाय के हजारों लोग रहते हैं, जो दोनों देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मु इन समुदायों से मुलाकात कर उनके योगदान को सराहेंगी और भारत के साथ उनके भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूत करेंगी।

यह यात्रा भारत के लिए न केवल राजनयिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और जनसंपर्क स्तर पर भी ऐतिहासिक साबित होने जा रही है।