प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भारी भीड़ के चलते भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई श्रद्धालु हताहत हुए। इस घटना के बाद विभिन्न राज्यों में प्रशासन सतर्क हो गया है। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के चाकघाट क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की सीमा पर श्रद्धालुओं के वाहनों को रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि श्रद्धालु संयम बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे हैं। भीड़ अधिक होने के कारण रीवा जिले के चाकघाट थाना अंतर्गत मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा पर श्रद्धालुओं के वाहनों को रोका गया है। हमारे प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हैं और उन्होंने खाने-पीने, ठहरने एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की है। मैं सभी श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और संयम बनाए रखें।”
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं, और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “महाकुंभ में हुए हादसे से मन व्यथित है। मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है और राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। प्रशासन पीड़ितों की हर संभव सहायता कर रहा है।”
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने हादसे पर दुख जताते हुए लिखा, “यह त्रासदी प्रशासन की बदइंतजामी और वीआईपी मूवमेंट पर ज्यादा ध्यान देने के कारण हुई है। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद करें।”
घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद संगम तट पर 70 से अधिक एम्बुलेंस भेजी गईं, जिससे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रयागराज के आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोका गया है। साथ ही, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनएसजी कमांडो को तैनात किया गया है।
श्रद्धालुओं की संख्या और सुरक्षा प्रबंध
महाकुंभ के इस महापर्व पर प्रशासन के अनुसार, करीब 5 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में मौजूद हैं। अनुमान है कि रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। मंगलवार को भी लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 60 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं।
प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर हरसंभव प्रयास कर रहा है और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है।