• तेज़ रफ्तार स्विफ्ट डिज़ायर कार ने सड़क किनारे भुट्टा बेच रहे ठेले को टक्कर मार दी

प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मंगलवार की रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। मानिकपुर नगर पंचायत के मिरगढ़वा चौराहे के पास एक तेज़ रफ्तार और अनियंत्रित स्विफ्ट डिज़ायर कार ने सड़क किनारे भुट्टा बेच रहे ठेले को टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि ठेले के पास खड़े चार लोग मौके पर ही घायल होकर ज़मीन पर गिर पड़े। इनमें से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक युवती गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।

कैसे हुआ हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा मंगलवार की रात करीब आठ बजे हुआ। प्रयागराज से लखनऊ की ओर जा रही सफेद रंग की स्विफ्ट डिज़ायर अचानक अनियंत्रित हो गई और हाईवे किनारे खड़े ठेले में जा घुसी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ठेला चकनाचूर हो गया और वहां मौजूद लोग बुरी तरह दब गए। हादसा देखने वालों का कलेजा कांप गया और पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई।

मृतक और घायल

हादसे में मानिकपुर यादव पट्टी गांव निवासी 35 वर्षीय अरविंद यादव पुत्र शंभूनाथ, मानिकपुर निवासी 45 वर्षीय छन्ने सरोज पुत्र प्रभु सरोज और मानिकपुर चौराहे पर होम्योपैथिक की दुकान चलाने वाले 35 वर्षीय मधुकर प्रकाश पुत्र पन्नालाल की मौत हो गई।
वहीं 19 वर्षीय शिल्पा पुत्री लालजी सोनकर गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज चल रहा है।

हादसे के बाद लोगों की मदद से सभी घायलों को पहले सीएचसी कालाकांकर पहुंचाया गया। वहां डॉक्टरों ने मधुकर प्रकाश को मृत घोषित कर दिया। जबकि अन्य गंभीर घायलों को रायबरेली रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान अरविंद यादव और छन्ने सरोज की भी मौत हो गई।

कार सवार भी घायल

हादसे में कार में सवार युवक-युवतियां भी घायल हुए। 20 वर्षीय दिशा साहनी पुत्री दिलीप कुमार, निवासी आवास विकास कॉलोनी, कोतवाली बाराबंकी और 21 वर्षीय शक्ति मिश्रा पुत्र सतीश मिश्रा, निवासी देवा रोड, लखनऊ, घायल हुए। इन्हें कुंडा सीएचसी में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को छुट्टी दे दी गई।

परिवारों में मातम, गांव में सन्नाटा

जैसे ही मृतकों की खबर उनके गांवों तक पहुंची, कोहराम मच गया। घरों में मातम छा गया, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा गांव गमगीन है और लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस तरह के हादसों पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

पुलिस की कार्रवाई

एसएचओ दीप नारायण ने बताया कि हादसे में शामिल कार को कब्जे में ले लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कार किसकी थी और हादसे के वक्त चालक की स्थिति क्या थी—क्या वह शराब के नशे में था या तेज़ रफ्तार ने हादसे को जन्म दिया।

सड़क हादसे पर बड़ा सवाल

यह हादसा एक बार फिर तेज़ रफ्तार और अनियंत्रित वाहनों की समस्या को उजागर करता है। हाईवे और मुख्य मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की ज़रूरत है। स्थानीय लोग बताते हैं कि मिरगढ़वा चौराहे पर सड़क किनारे हमेशा भीड़ रहती है और दुकानें लगी रहती हैं। लेकिन यहां पर्याप्त ट्रैफिक नियंत्रण या स्पीड ब्रेकर नहीं हैं। यही कारण है कि हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है।

प्रशासन पर उठे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करनी चाहिए। साथ ही, सड़क किनारे दुकानदारों और राहगीरों की सुरक्षा के लिए स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। हादसे के बाद लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि तेज़ रफ्तार गाड़ियों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है और ड्राइविंग नियमों का पालन कराने में पुलिस क्यों असफल हो रही है।