राष्ट्र सेविका समिति की प्रमिला ताई मेढ़े का निधन, PM मोदी और भागवत ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। राष्ट्र सेवा और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक, राष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका आदरणीय प्रमिला ताई मेढ़े का गुरुवार प्रातः निधन हो गया। वे 97 वर्ष की थीं। बीते कुछ दिनों से वे अस्वस्थ थीं और ऑक्सीजन सपोर्ट पर थीं। भोपाल स्थित अहिल्या मंदिर में सुबह 9:05 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से राष्ट्र सेविका समिति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और व्यापक राष्ट्रवादी समाज में गहन शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रमिला ताई मेढ़े ने राष्ट्र सेविका समिति के कार्य को नई दिशा दी, संगठन के विस्तार और राष्ट्र कार्य की चेतना को हर वर्ग तक पहुंचाने में उन्होंने अथक योगदान दिया। उन्होंने वर्ष 2012 तक प्रमुख संचालिका का दायित्व निभाया। उनके नेतृत्व में समिति का कार्य ग्रामीण अंचलों, महिला शिक्षा, संस्कार और स्वावलंबन की दिशा में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा।
प्रमिला ताई: एक तपस्विनी, राष्ट्रभक्त और मातृवत व्यक्तित्व
प्रमिला ताई को न केवल संगठनात्मक क्षमता के लिए जाना गया, बल्कि उनकी कुशाग्र बुद्धि, तेजस्विता और स्नेहशील व्यवहार ने उन्हें सबका प्रिय बना दिया था। वे अपने जीवन के अंतिम क्षण तक राष्ट्र कार्य की चिंता करती रहीं। वे एक जीवंत आदर्श थीं, जिन्होंने नारी शक्ति को संगठित करने, संस्कारित करने और राष्ट्र के लिए प्रेरित करने का कार्य जीवन भर किया।
डॉ. मोहन भागवत ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भोपाल पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा—
“प्रमिला ताई के परलोक गमन से हमारे सिर से एक मातृवत छत्र हट गया है। लक्ष्य की अचूक समझ, कार्यवृद्धि के लिए कठोर परिश्रम और व्यवहार में आत्मीयता का वे मूर्तिमंत उदाहरण थीं। राष्ट्र सेविका समिति के कार्ययज्ञ में उन्होंने जीवन समिधा अर्पित की, और देहदान के संकल्प के साथ देह का भी समर्पण कर दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया गहरा शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्रमिला ताई के निधन पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा—
“प्रमिला ताई मेढ़े जी के देहावसान से अत्यंत दुखी हूं। उनका संपूर्ण जीवन समाज और राष्ट्र सेवा को समर्पित रहा। महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में उनका योगदान अमूल्य है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके परिजनों और प्रशंसकों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति।”
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका रहीं श्रद्धेय प्रमिला ताई मेढ़े जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उनका संपूर्ण जीवन समाज और राष्ट्र सेवा को समर्पित रहा। महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में उनके अमूल्य योगदान को सदैव याद किया जाएगा। ईश्वर शोक की इस घड़ी में…
प्रमिला ताई का जीवन त्याग, सेवा और राष्ट्रनिष्ठा का पर्याय रहा। उन्होंने केवल संगठनात्मक भूमिका ही नहीं निभाई, बल्कि स्वयं देहदान का संकल्प कर अपने शरीर का भी समर्पण कर दिया। वे कहती थीं, “संसार में जीते हुए मरना सरल है, पर राष्ट्र के लिए मरते हुए जीना ही सच्ची साधना है।” उनकी यह साधना अब असंख्य सेविकाओं और स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
उनके निधन से देश की सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी चेतना को अपूरणीय क्षति हुई है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वे उनके बताए मार्ग पर चलकर ध्येय पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे।
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