वेटिकन सिटी। ईसाई समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु और रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने वेटिकन सिटी में अंतिम सांस ली। बीते कुछ समय से वे फेफड़ों और किडनी में गंभीर संक्रमण से जूझ रहे थे और लगातार चिकित्सा निगरानी में थे। उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि वेटिकन के प्रवक्ता ने की, जिसके बाद दुनियाभर में ईसाई समुदाय और वैश्विक नेताओं के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
करुणा और सुधार के प्रतीक बने पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो था, 13 मार्च 2013 को पोप चुने गए थे। वे दक्षिण अमेरिका के पहले पोप थे और अर्जेंटीना से ताल्लुक रखते थे। उनके नेतृत्व में चर्च ने कई ऐतिहासिक और प्रगतिशील बदलाव देखे। उन्होंने सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, निर्धनों के अधिकार, और चर्च में पारदर्शिता को लेकर वैश्विक स्तर पर आवाज़ उठाई।
पोप फ्रांसिस को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने पारंपरिक ढांचों के बीच रहकर आधुनिक सोच को बढ़ावा दिया। उन्होंने LGBTQ+ समुदाय के प्रति सहानुभूति जताई, यौन शोषण मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और चर्च को एक अधिक मानवीय, समावेशी संस्था के रूप में ढालने का प्रयास किया।
बिगड़ती तबीयत और अस्पताल में भर्ती
बीते कुछ महीनों से पोप फ्रांसिस की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। नवंबर 2024 में उन्हें सांस लेने में परेशानी के चलते वेटिकन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके फेफड़ों में इंफेक्शन और किडनी फेलियर की समस्या थी। हालांकि, डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
वैश्विक नेताओं ने जताया शोक
पोप फ्रांसिस के निधन की खबर फैलते ही दुनियाभर के धर्मगुरुओं, राष्ट्राध्यक्षों और करोड़ों श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया और बयान जारी कर शोक व्यक्त किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अमेरिकी राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री और अन्य देशों के नेताओं ने पोप फ्रांसिस के योगदान को याद किया और उन्हें “शांति, सेवा और मानवीयता का प्रतीक” बताया।
अब क्या होगा?
पोप के निधन के बाद वेटिकन में ‘सेदे वेकांते’ (Sede Vacante) की प्रक्रिया शुरू होगी, यानी पोप की गद्दी खाली मानी जाएगी। इसके बाद ‘कॉन्क्लेव’ नामक विशेष सभा बुलाई जाएगी जिसमें दुनिया भर के कार्डिनल एक नए पोप का चुनाव करेंगे।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम की तैयारी
वेटिकन में अगले कुछ दिनों में अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। उम्मीद है कि दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु वेटिकन पहुंचेंगे और पोप फ्रांसिस को अंतिम श्रद्धांजलि देंगे।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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