July 30, 2025 10:52 PM

पोलैंड राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रवादी करोल नवरोकी को बढ़त

पोलैंड राष्ट्रपति चुनाव, करोल नवरोकी, ट्रंप समर्थक नेता

ट्रंप समर्थक नवरोकी का नारा: ‘पोलैंड पहले, पोल्स पहले’


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वारसॉ। पोलैंड के राष्ट्रपति चुनाव की दूसरी पारी में राष्ट्रवादी विचारधारा वाले उम्मीदवार करोल नवरोकी मतगणना में सबसे आगे चल रहे हैं। 42 वर्षीय नवरोकी को दक्षिणपंथी लॉ एंड जस्टिस (Law and Justice – PiS) पार्टी का समर्थन प्राप्त है, जो पूर्व में 2015 से 2023 तक देश पर शासन कर चुकी है। उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण और अमेरिका समर्थक रुख के चलते यह चुनाव पोलैंड के राजनीतिक भविष्य और यूरोपीय राजनीति की दिशा के लिए अहम माना जा रहा है।

करोल नवरोकी एक पेशेवर इतिहासकार हैं, लेकिन उनका व्यक्तित्व केवल शैक्षणिक दायरे तक सीमित नहीं है। वे एक पूर्व शौकिया मुक्केबाज भी रहे हैं और अंडरवर्ल्ड व आपराधिक इतिहास में गहरी रुचि रखते हैं। उनकी इस दिलचस्प पृष्ठभूमि ने उन्हें पोलैंड के युवा वर्ग के बीच भी लोकप्रिय बना दिया है।

चुनाव प्रचार के दौरान नवरोकी ने एक स्पष्ट और कट्टर राष्ट्रवादी एजेंडा अपनाया। उनका मुख्य नारा रहा—“Poland First, Poles First” (पोलैंड पहले, पोल्स पहले)। उन्होंने अपने भाषणों में पोलैंड की संप्रभुता, पारंपरिक मूल्यों की रक्षा और बाहरी प्रभावों से दूर रहने की बात पर जोर दिया।

ट्रंप से प्रेरित नीति

करोल नवरोकी खुले तौर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशंसक हैं। उन्होंने बार-बार यह दोहराया कि पोलैंड को अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत और निर्णायक बनाना चाहिए और यूरोप में अमेरिका के साथ मिलकर “लीडरशिप रोल” निभाना चाहिए। इस रुख ने उन्हें दक्षिणपंथी मतदाताओं के बीच अच्छी-खासी लोकप्रियता दिलाई है।

नवरोकी के इस ट्रंप-प्रेरित एजेंडे में राष्ट्रवाद के साथ-साथ अमेरिका-समर्थक विदेश नीति को प्रमुख स्थान दिया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो पोलैंड की विदेश नीति में बड़ा बदलाव संभव है, जिसमें अमेरिका के साथ सैन्य और आर्थिक गठजोड़ को वरीयता दी जाएगी।

यूक्रेन को समर्थन जारी रखने की घोषणा

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के संदर्भ में नवरोकी ने साफ किया कि पोलैंड यूक्रेन को सैन्य, मानवीय और रणनीतिक समर्थन जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामकता केवल यूक्रेन ही नहीं, बल्कि समूचे पूर्वी यूरोप की स्थिरता के लिए खतरा है।

इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि नवरोकी एक ओर जहां राष्ट्रवादी एजेंडे पर जोर दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भू-राजनीतिक संतुलन बनाए रखने की रणनीति भी अपना रहे हैं।

यूरोपीय राजनीति में दक्षिणपंथ की वापसी?

अगर करोल नवरोकी चुनाव जीतते हैं, तो यह यूरोप में दक्षिणपंथी लहर की एक और मिसाल होगी। पिछले कुछ वर्षों में फ्रांस, हंगरी और इटली में भी राष्ट्रवादी नेताओं का उभार देखने को मिला है। नवरोकी की संभावित जीत इस क्रम को और मजबूत करेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि नवरोकी की जीत से न केवल पोलैंड की आंतरिक नीतियों में बदलाव होगा, बल्कि यूरोपियन यूनियन के साथ रिश्ते, प्रवासन नीति और न्यायिक स्वतंत्रता जैसे अहम मुद्दों पर भी देश की दिशा बदल सकती है।

अंततः, पोलैंड के मतदाता यह तय करने जा रहे हैं कि वे एक राष्ट्रवादी और पारंपरिक मॉडल की तरफ बढ़ना चाहते हैं, या फिर उदारवादी यूरोपीय मूल्यों के साथ रहना चाहते हैं। करोल नवरोकी की बढ़त इस बात की ओर संकेत कर रही है कि फिलहाल राष्ट्रवाद की हवा तेज है।


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