October 18, 2025 6:21 PM

केंद्र सरकार की बड़ी सौगात: शहरी क्षेत्रों में 1.41 लाख नए घरों को मंजूरी, महिलाओं और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता

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प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत अब तक 10 लाख से अधिक घर स्वीकृत; वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों और वंचित वर्गों को भी मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में 1.41 लाख नए घरों को मंजूरी दी, महिलाओं और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने शहरी गरीबों और वंचित तबकों के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के तहत 1,41,942 नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इन नए आवासों की मंजूरी से योजना के तहत स्वीकृत कुल घरों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई है।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (CSMC) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी शामिल हुए।


🔹 14 राज्यों को मिलेगा लाभ, महिलाओं और वंचित वर्गों को प्राथमिकता

नई स्वीकृति के अंतर्गत जिन राज्यों को आवास निर्माण की मंजूरी दी गई है, उनमें असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने बैठक में स्पष्ट कहा कि—

“आवास ऐसे क्षेत्रों में बनाए जाएं, जहां सड़क, सार्वजनिक परिवहन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हों, ताकि लाभार्थी जल्द अपने घरों में रह सकें।”

इन नए घरों में प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और ट्रांसजेंडर समुदाय को आवंटन किया जाएगा।


🔹 76 हजार से ज्यादा घर महिलाओं के लिए

नए स्वीकृत 1.41 लाख आवासों में से 76,976 घर महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा—

  • 13,509 घर वरिष्ठ नागरिकों के लिए
  • 7 घर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए
  • 29,131 घर अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए
  • 6,561 घर अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए
  • और 74,291 घर ओबीसी वर्ग के लिए स्वीकृत किए गए हैं।

इन आवासों के निर्माण में केंद्र सरकार का लक्ष्य समावेशी और सुरक्षित शहरी आवास नीति को लागू करना है, जिससे हर वर्ग को सम्मानजनक जीवन मिल सके।


🔹 अब तक महिलाओं को मिले 6.31 लाख आवास

केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पीएमएवाई-यू 2.0 योजना के तहत अब तक 6.31 लाख घर महिलाओं को दिए जा चुके हैं। इनमें विधवा, परित्यक्ता और अविवाहित महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है।

इसके साथ ही—

  • 1.04 लाख घर वरिष्ठ नागरिकों को,
  • और 163 घर ट्रांसजेंडर समुदाय को आवंटित किए जा चुके हैं।

यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल छत प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभा रही है।


🔹 गरीबों को मिल रही है 2.50 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) के तहत केंद्र सरकार गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए 2.50 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता देती है।

यह योजना ‘सबका घर’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
इस सहायता से न केवल लाभार्थियों को घर का सपना पूरा करने में मदद मिल रही है, बल्कि यह योजना रोजगार और निर्माण क्षेत्र में वृद्धि का भी बड़ा माध्यम बनी है।


🔹 आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में कदम

शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पीएमएवाई-यू 2.0 योजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत पर आधारित है।

इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि—

“हर शहरी परिवार को 2026 तक पक्का घर मिले, जिसमें स्वच्छ जल, शौचालय, बिजली और रसोई जैसी बुनियादी सुविधाएं हों।”

मंत्रालय के अनुसार, इस योजना ने अब तक लाखों परिवारों को बेघर होने से बचाया है और देश के शहरी आवास परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।


🔹 राज्यों को सख्त निर्देश – गुणवत्ता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं

केंद्रीय सचिव ने सभी राज्यों को निर्देश दिए कि आवास निर्माण में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की निगरानी नियमित रूप से की जाएगी और कार्य में देरी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।


केंद्र सरकार की इस नई मंजूरी से देश के लाखों गरीब परिवारों के लिए “अपने घर” का सपना पूरा होने की उम्मीद और मजबूत हुई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अब न केवल एक आवासीय कार्यक्रम है, बल्कि यह गरीबों, महिलाओं और कमजोर वर्गों के जीवन में स्थिरता और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है।


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