July 10, 2025 7:08 PM

महिला सशक्तीकरण पर राज्य स्तरीय सम्मेलन 31 मई को, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे संबोधन

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल 31 मई को एक ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी बनने जा रही है। इस दिन देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण को समर्पित भव्य सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भाग लेंगे। वे जम्बूरी मैदान में एक लाख से अधिक महिलाओं को संबोधित करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा और कार्यक्रम की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं समय पर और भव्य स्तर पर हों। यह कार्यक्रम न केवल महिला सशक्तीकरण को बल देने वाला होगा, बल्कि देवी अहिल्याबाई के विचारों और आदर्शों को आज के समाज से जोड़ने का प्रयास भी होगा।

इंदौर मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन भी संभावित

प्रधानमंत्री के इस प्रवास में इंदौर मेट्रो परियोजना के वर्चुअल उद्घाटन की भी संभावना है। यह उद्घाटन गांधी नगर और प्राथमिकता कॉरिडोर के स्टेशन नंबर 3 के बीच संचालन की शुरुआत से जुड़ा होगा, हालांकि मेट्रो के वाणिज्यिक संचालन की तिथि अभी तय नहीं हुई है।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार पहली बार अपनी कैबिनेट बैठक इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा महल में आयोजित करने जा रही है, जो होलकर राजवंश की गहराई से जुड़ी विरासत का प्रतीक है।

अहिल्याबाई को समर्पित डाक टिकट और स्मारक सिक्का

कार्यक्रम में भारत सरकार देवी अहिल्याबाई होल्कर की स्मृति में विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी कर सकती है। यह पहल लोकमाता की 300वीं जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

21 से 31 मई तक राज्यव्यापी अभियान

भाजपा ने 21 मई से 31 मई तक अहिल्याबाई के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्यव्यापी जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। पार्टी कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर अहिल्याबाई की दूरदृष्टि, समाज सुधारों और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के प्रयासों को साझा कर रहे हैं।

देवी अहिल्याबाई की विरासत

देवी अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक मालवा साम्राज्य का नेतृत्व किया। वे सैन्य और प्रशासनिक दोनों मोर्चों पर प्रभावशाली रहीं। उन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह को समर्थन दिया और पूरे भारत में अनेक धार्मिक स्थलों के निर्माण और जीर्णोद्धार में अग्रणी भूमिका निभाई। उनका शासन न्याय, जनकल्याण और सामाजिक समावेश के मूल्यों पर आधारित था।

यह आयोजन न केवल उनके कार्यों को श्रद्धांजलि देगा, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक प्रेरक कदम भी होगा, जो समकालीन भारत में उनके आदर्शों को फिर से जीवंत करेगा।



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