- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाजा शांति योजना के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने हस्ताक्षर कर दिए
नई दिल्ली। गाजा में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच अब शांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाजा शांति योजना (Gaza Peace Plan) के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने हस्ताक्षर कर दिए हैं।
इस महत्वपूर्ण पहल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत करते हुए कहा है कि यह समझौता गाजा के लोगों के लिए राहत और स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पीएम मोदी ने कहा – यह शांति की दिशा में ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक संदेश में कहा –
“हम राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सशक्त नेतृत्व और अमेरिका की सक्रिय कूटनीति का परिणाम है। हमें उम्मीद है कि इससे बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता में बढ़ोतरी होगी, जिससे स्थायी शांति की राह खुलेगी।”
मोदी ने आगे कहा कि भारत सदैव वैश्विक शांति, स्थिरता और मानवता के पक्ष में खड़ा रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते के माध्यम से मध्य पूर्व में दीर्घकालिक समाधान की नींव रखी जा सकेगी।
ट्रंप ने की घोषणा, “सभी पक्षों के साथ होगा निष्पक्ष व्यवहार”
गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि
इजरायल और हमास दोनों ने शांति समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि यह समझौता कतर, मिस्र और तुर्किए की मध्यस्थता से संभव हुआ है।
ट्रंप ने इसे “अरब जगत, इजरायल और अमेरिका के लिए ऐतिहासिक दिन” बताया और कहा –
“बहुत जल्द सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा। साथ ही, इजरायल भी अपने सैनिकों को एक निश्चित सीमा तक पीछे बुला लेगा। इस समझौते से क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग का नया अध्याय शुरू होगा।”
गाजा शांति समझौते के पहले चरण में क्या होगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण में कई ठोस मानवीय कदम उठाए जाएंगे।
इस चरण के तहत –
- गाजा में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए पांच मानवीय क्रॉसिंग पॉइंट तुरंत खोले जाएंगे।
- गाजा क्षेत्रीय मानचित्र में सीमित बदलाव किया जाएगा ताकि मानवीय मार्ग सुरक्षित रह सकें।
- पहले चरण में 20 इजरायली बंधकों की रिहाई की जाएगी।
- इसके बदले में इजरायल अपनी जेलों से फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यदि यह चरण सफल रहता है, तो आगे दीर्घकालिक युद्धविराम और आर्थिक पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नेतन्याहू और ट्रंप की साझी कोशिशों की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दोनों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों नेताओं के साहसिक नेतृत्व और दूरदर्शिता का परिणाम है।
मोदी ने उम्मीद जताई कि इस योजना से मध्य पूर्व में स्थायी शांति की नई नींव रखी जाएगी।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि भारत किसी भी शांति प्रयास में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।
गाजा में राहत और उम्मीद का नया दौर
गाजा में वर्षों से जारी संघर्ष, हिंसा और मानवीय संकट के बीच यह समझौता एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे एक महत्वपूर्ण मानवीय सफलता बताया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सभी पक्ष ईमानदारी से सहयोग करें, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता का नया अध्याय बन सकता है।
भारत का रुख : “शांति ही समाधान का एकमात्र मार्ग”
भारत लंबे समय से यह कहता रहा है कि इजरायल और फलस्तीन विवाद का समाधान केवल संवाद और कूटनीति से संभव है।
मोदी सरकार की नीति रही है कि भारत दोनों पक्षों से मित्रतापूर्ण संबंध रखता है और किसी भी स्थायी समाधान में सहयोग देने को तैयार है।
गाजा शांति योजना पर भारत की सकारात्मक प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि वह वैश्विक स्तर पर शांति, सहयोग और मानवता के सिद्धांतों को सर्वोपरि मानता है।
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