प्रधानमंत्री मोदी की अपील : सांसद ‘स्वदेशी मेला’ लगाएं, स्थानीय उत्पादों और छोटे व्यापारियों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसदीय दल की बैठक में एनडीए सांसदों को एक खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में ‘स्वदेशी मेला’ आयोजित करें, ताकि स्थानीय उत्पादों, छोटे उद्योगों और कारीगरों को नया मंच मिल सके। मोदी ने साफ कहा कि “वोकल फॉर लोकल” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और रोजगार बढ़ाने का मजबूत आधार है।
‘स्वदेशी मेला’ क्यों ज़रूरी?
प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि देश के हर हिस्से में छोटे-छोटे कारीगर, हस्तशिल्पकार और स्थानीय उद्योग हैं, जिनके उत्पाद बड़े बाजार तक नहीं पहुंच पाते। यदि सांसद अपने क्षेत्र में ‘स्वदेशी मेला’ लगाएंगे तो ऐसे कारीगरों को पहचान मिलेगी और लोगों का झुकाव “मेड-इन-इंडिया” सामान की ओर बढ़ेगा।
उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि जब लोग स्थानीय सामान खरीदेंगे, तो सीधे-सीधे छोटे दुकानदारों और घरेलू उद्योगों की आमदनी बढ़ेगी। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति मिलेगी।
जीएसटी दर कटौती का लाभ जनता तक पहुँचाएं
मोदी ने बैठक में हाल ही में की गई जीएसटी दर कटौती का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 375 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स घटाया है, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना है। यह सांसदों की जिम्मेदारी है कि वे इस संदेश को जनता तक पहुंचाएं।
उन्होंने सांसदों को निर्देश दिया कि वे व्यापारियों, छोटे दुकानदारों और बाजार समितियों से मुलाकात करें और समझाएं कि जीएसटी दर कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए। इससे जनता का सरकार पर विश्वास और मजबूत होगा।

गरीबों और छोटे व्यापारियों पर खास जोर
प्रधानमंत्री ने बैठक में पीएम स्वनिधि योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का दायरा और बढ़ाया जाएगा, ताकि गरीब रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले और छोटे व्यापारियों तक इसका लाभ पहुंचे। मोदी ने बताया कि अब तक लाखों स्ट्रीट वेंडरों को इस योजना से कम ब्याज पर लोन मिला है, जिससे उनका कामकाज फिर से खड़ा हुआ है।
पहले भी दिया था ‘वोकल फॉर लोकल’ पर ज़ोर
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश दिया हो। 28 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में भी उन्होंने मंत्रियों से कहा था कि देश के लोग अधिक से अधिक ‘मेड-इन-इंडिया’ उत्पाद खरीदें और दुकानदार अपनी दुकानों पर ‘स्वदेशी वस्तु उपलब्ध है’ का बोर्ड लगाएं।
मोदी ने कहा था कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और आत्मनिर्भरता ही उसका सबसे बड़ा हथियार है। उनके मुताबिक, जब जनता खुद देशी उत्पादों को अपनाएगी, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश साफ करता है कि सरकार केवल नीतिगत बदलावों तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि सांसदों की सक्रिय भूमिका के जरिए इस अभियान को जनता तक पहुंचाना चाहती है। ‘स्वदेशी मेला’ जैसी पहल से स्थानीय उद्योगों और छोटे व्यापारियों को न केवल नया मंच मिलेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक बड़ा कदम भी साबित होगा।
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