नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सत्र की शुरुआत, विपक्ष की भूमिका और आगामी बजट पर अपनी राय रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह पहला सत्र है जब विदेश से कोई विवाद या शरारत नहीं भड़की है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद यह पहला सत्र है जब विदेश से कोई आग लगाने की कोशिश नहीं की गई। उन्होंने विपक्ष पर भी हमला करते हुए कहा कि 10 वर्षों में हर सत्र से पहले विदेशों से विवाद उठाने की कोशिशें होती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ।


प्रधानमंत्री ने बजट सत्र की शुरुआत के संबंध में कहा कि यह सत्र ऐतिहासिक बिलों पर चर्चा का साक्षी बनेगा, जो राष्ट्र की ताकत को और बढ़ाने में मदद करेंगे। उन्होंने देश के आर्थिक रोडमैप में नवाचार, समावेशन और निवेश के महत्व को भी रेखांकित किया।
इस दौरान मोदी ने कहा, “हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं, यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। देश के प्रत्येक नागरिक ने मुझे तीसरी बार यह जिम्मेदारी दी है, और यह बजट सत्र इस कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है।” प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि 2047 में जब भारत अपनी आज़ादी के 100 साल मनाएगा, तब यह बजट और इस सत्र से देश को एक नई ऊर्जा मिलेगी और यह देश को एक विकसित राष्ट्र बनाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में उनकी सरकार मिशन मोड में देश के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रही है। उनका मानना है कि यह बजट सत्र और आगामी बजट नए विश्वास और ऊर्जा का संचार करेंगे, जिससे देश की समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने मां लक्ष्मी को प्रणाम करते हुए यह भी कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि देश के प्रत्येक गरीब और मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा हो।