नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह लॉरेंस वोंग का प्रधानमंत्री के रूप में भारत का पहला दौरा है, और इस अवसर पर दोनों नेताओं ने भारत–सिंगापुर के सहयोग को और व्यापक बनाने पर चर्चा की।
Addressing the press meet with PM Lawrence Wong of Singapore. @LawrenceWongSThttps://t.co/z86B40nNHD
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— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2025
बैठक का उद्देश्य और प्रमुख एजेंडा
इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना था। चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर जोर दिया गया:
- वित्त और निवेश सहयोग – दोनों देशों ने वित्तीय क्षेत्र में साझेदारी और निवेश को बढ़ावा देने पर विचार किया। भारतीय स्टार्टअप और वित्तीय तकनीक (फिनटेक) क्षेत्र में सिंगापुर के अनुभव को साझा करने और निवेश आकर्षित करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
- डिजिटल नवाचार और तकनीक – डिजिटल इंडिया पहल के तहत दोनों देशों ने स्मार्ट सिटी, ई-गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की योजना बनाई।
- कौशल विकास – सिंगापुर की तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के अनुभवों को भारत के युवाओं और कामगारों के प्रशिक्षण में शामिल करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
- नागरिक उड्डयन और समुद्री सहयोग – दोनों नेताओं ने एयरलाइन नेटवर्क और समुद्री मार्गों के विस्तार के अलावा समुद्री सुरक्षा और पोर्ट प्रबंधन में सहयोग बढ़ाने की सहमति जताई।
- अंतरिक्ष तकनीक – अंतरिक्ष अनुसंधान, सैटेलाइट प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर भी बातचीत हुई।
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राष्ट्रपति से मुलाकात
प्रधानमंत्री वोंग आज शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों को और गहराई देने और आपसी समझ को बढ़ाने का अवसर मानी जा रही है।
व्यापारिक और निवेश अवसर
बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि सिंगापुर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश भागीदार बना रहेगा। भारत में सिंगापुर के निवेश को बढ़ाने, नवाचार और स्टार्टअप के लिए सहायक वातावरण बनाने पर भी जोर दिया गया।
- सिंगापुर की भूमिका – सिंगापुर भारत के निवेश और वित्तीय सहयोग का प्रमुख केंद्र माना जाता है। दोनों पक्षों ने तकनीक, वित्त, शिक्षा और समुद्री क्षेत्र में साझा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।
- स्टार्टअप सहयोग – डिजिटल और फिनटेक स्टार्टअप के लिए भारत–सिंगापुर संयुक्त कार्यक्रमों और निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
दोनों देशों के बीच रणनीतिक महत्व
भारत और सिंगापुर के संबंध पिछले कई वर्षों में रणनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। रक्षा, व्यापार, शिक्षा, डिजिटल और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री वोंग ने इस बैठक में इस साझेदारी को और अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में स्पष्ट प्रतिबद्धता दिखाई।
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आगे की संभावनाएं
बैठक में यह संकेत मिला कि आने वाले महीनों में भारत–सिंगापुर के बीच:
- नई संयुक्त आर्थिक पहल शुरू होंगी।
- डिजिटल और साइबर सुरक्षा में संयुक्त परियोजनाएं विकसित होंगी।
- अंतरिक्ष और कौशल विकास के क्षेत्र में साझेदारी को औपचारिक रूप दिया जाएगा।
इस तरह यह दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग को गहराई देने, निवेश और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करने और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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