August 2, 2025 5:51 AM

PM मोदी ने लगाया सिंदूर का पौधा: शक्ति, श्रद्धा और सैन्य पराक्रम का प्रतीक बना पर्यावरण दिवस

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नई दिल्ली।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर सिंदूर का पौधा रोपकर एक गहरा प्रतीकात्मक संदेश दिया। यह केवल एक पर्यावरणीय कदम नहीं था, बल्कि एक राष्ट्र की अस्मिता, शक्ति और सैन्य पराक्रम को दर्शाने वाला कृत्य भी था। यह पौधा उन्हें गुजरात के कच्छ में 1971 भारत-पाक युद्ध की वीरांगनाओं के समूह ने भेंट किया था।

सिंदूर का पौधा: शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक

सिंदूर का पौधा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह आमतौर पर मंदिरों, घरों और पूजास्थलों में लगाया जाता है। आयुर्वेद में इसे मानसिक शांति, शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी माना गया है। इसके पत्ते गहरे हरे और चमकीले होते हैं, जो न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होते हैं।
प्रधानमंत्री ने इसे “शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक” बताया। यह पौधा भारत की सांस्कृतिक जड़ों और समकालीन सैन्य शक्ति के बीच एक सेतु का कार्य करता है।

ऑपरेशन सिंदूर से भावनात्मक जुड़ाव

इस पौधे को 7 मई को हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़कर देखा जा रहा है। इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इस एयरस्ट्राइक में करीब 100 आतंकी मारे गए थे। ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम देने के पीछे का मकसद यही था कि यह शहीदों के रक्त और मातृभूमि की रक्षा के संकल्प का प्रतीक बने।

गुजरात में पीएम मोदी का दो टूक संदेश

प्रधानमंत्री 26-27 मई को दो दिवसीय गुजरात दौरे पर थे। भुज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। पीएम मोदी ने कहा था—

“भारत पर बुरी नजर डालने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान सुख-चैन से रहे, अपने हिस्से की रोटी खाए… नहीं तो मेरी गोली तैयार है।”

यह बयान उनके सुरक्षा-केन्द्रित दृष्टिकोण और आक्रामक विदेश नीति के स्वरूप को दर्शाता है। इस दौरे के दौरान ही उन्हें सिंदूर का पौधा भेंट किया गया, जिसे उन्होंने अब अपने निवास पर लगाकर एक भावनात्मक और राजनीतिक संदेश दे दिया है।

वीर नारियों से मिला सम्मान

कच्छ में पीएम को यह पौधा उन महिलाओं के समूह ने सौंपा था जिन्होंने 1971 के युद्ध में भारत की मदद की थी, और जिनकी बहादुरी और राष्ट्रप्रेम की मिसाल आज भी दी जाती है। यह भेंट केवल एक पौधा नहीं, बल्कि उन वीर नारियों की आस्था, गर्व और प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान का प्रतीक थी।



प्रधानमंत्री द्वारा सिंदूर का पौधा लगाना सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल नहीं थी, बल्कि राष्ट्रवाद, शक्ति और श्रद्धा का त्रिवेणी संगम था। इस छोटे से पौधे के जरिए पीएम मोदी ने देश को यह संदेश दिया कि हमारी धरती, हमारी सुरक्षा और हमारी संस्कृति—तीनों की रक्षा करना समान रूप से ज़रूरी है। और इसके लिए पर्यावरण संरक्षण से लेकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई तक, हर कदम उठाया जाएगा।



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