- स्मार्ट शहरों से आत्मनिर्भरता तक, सरकार ने रखी नए भारत की ठोस नींव
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्र सरकार के 11 वर्षों की यात्रा को “बुनियादी ढांचा क्रांति का दशक” बताते हुए इसे भारत के लिए ऐतिहासिक परिवर्तन का दौर कहा। उन्होंने जोर दिया कि यह सिर्फ निर्माण कार्यों का दशक नहीं रहा, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, कनेक्टिविटी और नागरिक सशक्तिकरण का युग बन चुका है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए कहा कि “2014 से अब तक देश का बुनियादी ढांचा सिर्फ तेज़ी से नहीं बढ़ा, बल्कि इससे जीवन सुगमता और समृद्धि दोनों को गति मिली है।” उन्होंने कहा कि राजमार्गों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों से लेकर डिजिटल कनेक्टिविटी तक, देश के हर क्षेत्र में ऐसा परिवर्तन हुआ है जो नागरिकों के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है।
बुनियादी ढांचे में ‘इस्पात और आत्मा’ का संगम
प्रधानमंत्री ने इस बदलाव को सिर्फ भौतिक निर्माण से जोड़कर देखने के बजाय उसे “इस्पात और आत्मा के संगम” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि “यह विकास सिर्फ पुलों और सड़कों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन अरबों सपनों का विस्तार है जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर हैं।” उन्होंने उल्लेख किया कि हर नई सड़क, हर डिजिटल नेटवर्क, हर कनेक्टिविटी परियोजना न सिर्फ दूरी कम कर रही है, बल्कि देश के नागरिकों को एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भी दे रही है।
मंत्रियों को निर्देश: विवाद से दूरी, उपलब्धियों पर फोकस
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें सिर्फ अपने मंत्रालय की उपलब्धियों और योजनाओं पर ही बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा: “बेवजह की राजनीतिक बयानबाज़ी से बचें। जनता जानती है कि क्या हो रहा है। अब समय है कि हम उन्हें यह बताएं कि हमने क्या किया है और आगे क्या करने जा रहे हैं।” सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सभी मंत्रियों को जनता से संवाद के दौरान सीधी और सकारात्मक बात करनी चाहिए, ताकि लोगों को सरकार की नीतियों में अपनी भागीदारी का अनुभव हो।
जन भागीदारी से होगा परिवर्तन संभव
पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि बीते 11 सालों में सरकार की योजनाओं और कार्यशैली ने देश में कई नकारात्मक धारणाओं को तोड़ा है और इससे लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं। “अब लोग सिर्फ योजनाएं नहीं चाहते, वे खुद इन बदलावों के भागीदार बनना चाहते हैं। ऐसे में हर मंत्रालय को चाहिए कि वह न सिर्फ अपनी योजनाएं बताएं, बल्कि लोगों की राय जानकर उस पर अमल भी करें।” उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर जनता से सीधे संवाद करें, नीतियों की जानकारी दें और लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
‘गति परिवर्तन’ ही भारत का भविष्य
पीएम मोदी ने सरकार के ‘माईगव इंडिया’ मंच द्वारा साझा किए गए एक थ्रेड का ज़िक्र करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी, सुरक्षित सड़कें, तेज़ आवागमन और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों ने मिलकर भारत को भविष्य की ओर अग्रसर किया है। यह सिर्फ भौतिक विकास नहीं, बल्कि एक मानसिक बदलाव भी है जो आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत कर रहा है।