नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। तेजी से बढ़ते मामलों और मौतों के बीच केंद्र सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सभी मंत्रियों और अधिकारियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय कोविड संक्रमण के नए वैरिएंट के प्रसार और उसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लिया गया है।
देश में 7000 से अधिक सक्रिय केस, 74 मौतें
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस समय देश में 7121 सक्रिय कोरोना केस हैं। बीते 24 घंटों में 300 से अधिक नए मरीज सामने आए हैं। सबसे ज्यादा केस केरल (2223) में दर्ज किए गए हैं, इसके बाद गुजरात (1223), दिल्ली (757) और पश्चिम बंगाल (747) का स्थान है।
कोरोना के नए वैरिएंट से अब तक 74 मौतें हो चुकी हैं। मंगलवार को ही 6 लोगों की जान गई, जिनमें केरल में 3, कर्नाटक में 2 और महाराष्ट्र में 1 मौत शामिल है। बीते 10 दिन में 3000 से ज्यादा नए मामले दर्ज हुए हैं और 40 मौतें हो चुकी हैं।

हर दिन औसतन 350 नए मामले
विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल रोजाना औसतन 350 नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं, जो कि चिंताजनक संकेत है। खासकर जिन राज्यों में केस तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां चिकित्सा व्यवस्था को पुनः अलर्ट मोड पर लाया जा रहा है।
केरल सरकार सतर्क, अस्पतालों को विशेष निर्देश
केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि कोरोना का नया वैरिएंट बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। इसीलिए राज्य के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट किया जाए।
RT-PCR अनिवार्यता का उद्देश्य: उच्चस्तरीय सुरक्षा
प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी के संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य किया गया है। यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है ताकि शीर्ष स्तर पर संक्रमण की आशंका को रोका जा सके।
कोविड की मौजूदा स्थिति भले ही उतनी भयावह न हो जितनी 2021 में थी, लेकिन केंद्र सरकार इस बार सतर्कता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
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