प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे लंबे इंटरव्यू में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से अपने जुड़ाव और इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि RSS ने उन्हें न सिर्फ उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी, बल्कि राष्ट्रसेवा को प्राथमिकता देने की सीख भी दी।
RSS से जुड़ाव और प्रारंभिक सीख
पीएम मोदी ने बताया कि उनके बचपन के दिनों में RSS की सभाओं में शामिल होना एक प्रेरणादायक अनुभव था। बचपन में ही उन्होंने संघ के माध्यम से अनुशासन, समाजसेवा और राष्ट्रभक्ति के मूल्य सीखे। उन्होंने बताया कि संघ में उन्हें यह सिखाया गया कि हर कार्य को एक बड़े उद्देश्य से जोड़ा जाए। चाहे वह शिक्षा हो, खेलकूद हो या कोई अन्य गतिविधि, हर चीज को राष्ट्रहित की भावना से करना चाहिए।
RSS की शिक्षाएं और प्रभाव
मोदी ने RSS की शिक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन अपने स्वयंसेवकों को राष्ट्रसेवा के लिए तैयार करता है। उन्होंने बताया कि संघ में उन्हें यह सिखाया गया कि पढ़ाई सिर्फ रोजगार पाने के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास में योगदान देने के लिए करनी चाहिए। इसी तरह, शारीरिक व्यायाम को केवल फिटनेस के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की रक्षा और सेवा के लिए करना चाहिए।
RSS: दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि RSS दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है, जिसका उद्देश्य समाज को एकजुट करना और देश की सेवा के लिए लोगों को प्रेरित करना है। उन्होंने उल्लेख किया कि RSS ने शिक्षा और समाजसेवा में क्रांति ला दी है। उन्होंने बताया कि संघ के प्रयासों के कारण ‘विद्या भारती’ जैसे संगठनों की स्थापना हुई, जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आज विद्या भारती से जुड़े हजारों स्कूल देशभर में संचालित हो रहे हैं, जहां लाखों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
राजनीति को सेवा के रूप में अपनाने की प्रेरणा
पीएम मोदी ने कहा कि RSS की विचारधारा से प्रेरित होकर उन्होंने राजनीति को एक पेशे के रूप में नहीं, बल्कि सेवा के रूप में अपनाया। उन्होंने बताया कि संघ में उन्हें यह सिखाया गया कि राजनीति केवल सत्ता हासिल करने का माध्यम नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समाजसेवा और राष्ट्रनिर्माण का जरिया होनी चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और आज भी वे इसी सिद्धांत का पालन कर रहे हैं।
संघ के बारे में फैलाई गई गलत धारणाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि RSS के बारे में कई गलत धारणाएं फैलाई गई हैं, लेकिन जो लोग संघ के कामकाज को नजदीक से देखते हैं, वे इसके वास्तविक उद्देश्यों को समझ सकते हैं। उन्होंने बताया कि संघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, जो अपने अनुयायियों को समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने की सीख देता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संघ की सोच हमेशा ‘सबका साथ, सबका विकास’ की रही है और इस संगठन का उद्देश्य समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देना है।
संघ का वैश्विक प्रभाव
पीएम मोदी ने कहा कि RSS सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव दुनियाभर में देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि कई देशों में संघ से जुड़े संगठन कार्य कर रहे हैं और भारतीय मूल के लोग संघ की विचारधारा को अपनाकर समाजसेवा में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संगठन राष्ट्रनिर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि संघ ने उन्हें एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी और यही कारण है कि वे आज भी राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर देश को आगे बढ़ाना है, तो हमें संगठित होकर समाज और राष्ट्र की सेवा करनी होगी, जैसा कि RSS सिखाता है।
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