अररिया और भागलपुर में मोदी की विशाल रैलियाँ: कहा—बिहार की जनता एनडीए को देगी ऐतिहासिक जनादेश

भागलपुर/अररिया।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दूसरे चरण के मतदान वाले अररिया और भागलपुर जिलों में विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। इन सभाओं में उमड़ी भीड़ ने प्रधानमंत्री के शब्दों को जनसमर्थन में बदल दिया। मोदी ने अपने भाषणों में विपक्ष पर तीखे प्रहार किए और जनता से एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में वोट की अपील की।

बिहार की धरती से मोदी का संदेश: “जनता देगी विकास को फिर जनादेश”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता का जोश और उत्साह यह साबित कर रहा है कि इस बार फिर एनडीए को बिहार के विकास का दायित्व मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि “बिहार की जनता ने हमेशा राष्ट्रहित में निर्णय लिया है, और इस बार भी वह स्थिरता और विकास के पक्ष में वोट देने जा रही है।”

मोदी ने कहा कि बिहार ने हमेशा देश को दिशा दी है — चाहे वह स्वतंत्रता आंदोलन का दौर रहा हो या आज का विकास का युग। उन्होंने कहा कि भागलपुर और अररिया जैसे जिलों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत ने भारत की आत्मा को संबल दिया है, और अब यह धरती फिर विकास की नई कहानी लिखने जा रही है।

केंद्र सरकार की योजनाओं से बिहार को मिला नया जीवन

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की योजनाओं की उपलब्धियाँ गिनाईं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से बिहार के करोड़ों परिवारों को लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने गरीबों के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। अब हर गरीब परिवार के सिर पर पक्का मकान है, हर रसोई में गैस है, हर घर में बिजली है और हर परिवार को स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी मिली है।”

मोदी ने कहा कि इन योजनाओं का असली उद्देश्य गरीबों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास के लिए स्थिर सरकार आवश्यक है और एनडीए ही बिहार को स्थिरता के साथ आगे ले जा सकता है।

विपक्ष पर तीखा हमला—“वंशवाद और भ्रष्टाचार में डूबे नेता बिहार को पीछे ले जाना चाहते हैं”

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्षी महागठबंधन पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “महागठबंधन केवल सत्ता के लिए एकजुट हुआ है, उनके पास न नीति है न नीयत। ये वही लोग हैं जिन्होंने बिहार को पिछड़ेपन और बेरोजगारी के अंधेरे में धकेला था।”

तेजस्वी यादव के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि “जो कहते हैं कि जनता एनडीए को उखाड़ फेंकेगी, वे जनता की नब्ज नहीं समझते। बिहार की जनता विकास चाहती है, जातिवाद नहीं; अवसर चाहती है, अवसरवाद नहीं।”
उन्होंने इसे ‘हताशा की राजनीति’ बताया और कहा कि “महागठबंधन के नेता जानते हैं कि जनता अब उनके झूठे वादों में नहीं आने वाली।”

महिलाओं और युवाओं को लेकर मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की महिलाएँ हर बार परिवर्तन की वाहक रही हैं। उज्ज्वला योजना, जनधन खाते और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा, “बिहार की बहनों ने ही हर बार नई दिशा दी है। अब समय है कि विकास की इस यात्रा को और आगे बढ़ाया जाए।”

युवाओं से भी प्रधानमंत्री ने विशेष अपील करते हुए कहा कि वे रोजगार और अवसरों के लिए एनडीए सरकार को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं में असीम प्रतिभा है और केंद्र सरकार का प्रयास है कि उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर मिलें।

बिहार में एनडीए का उत्साह चरम पर

भागलपुर और अररिया की इन जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ी। एनडीए समर्थकों ने मोदी-मोदी के नारों से पूरे मैदान को गूंजा दिया। भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं में अभूतपूर्व उत्साह देखा गया। प्रधानमंत्री की मौजूदगी ने चुनावी माहौल को पूरी तरह जीवंत कर दिया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार चुनाव के इस चरण में मोदी की रैलियाँ एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकती हैं। इन रैलियों से भाजपा के पक्ष में जनभावना को और बल मिला है।

प्रधानमंत्री की इन सभाओं को एनडीए की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, विशेषकर उस समय जब पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान चल रहा था। मोदी की सक्रियता ने एनडीए के प्रचार अभियान को एक नई ऊर्जा दी है और विपक्ष के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।