हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा की तलाश तेज, केंद्र की सख्ती के संकेत
पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई के संकेत दिए। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है और सशस्त्र बलों को यह तय करने की पूरी छूट है कि कब, कैसे और किसे जवाब देना है।
बैठक का संदेश: निर्णायक प्रहार हमारा संकल्प
करीब डेढ़ घंटे चली इस उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की सेनाएं पूरी तरह सक्षम हैं और उन्हें कार्रवाई के लिए किसी विशेष निर्देश की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे सैनिकों की क्षमता पर हमें पूरा विश्वास है। आतंक के हर चेहरे को जवाब मिलेगा और यह राष्ट्रीय संकल्प है कि हमले के दोषियों को धरती के आखिरी कोने से भी खोजकर दंडित किया जाएगा।”
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम के बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

गृह मंत्रालय की बैठक: आतंरिक सुरक्षा रणनीति पर मंथन
पीएम मोदी की बैठक के समानांतर गृह मंत्रालय में भी एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की। इसमें NSG, BSF, CRPF और SSB जैसी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। बैठक में घाटी की सुरक्षा स्थिति, खुफिया इनपुट और आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा हुई।
पाकिस्तान को डिजिटल मोर्चे पर भी झटका
भारत सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर भी रोक लगा दी। दरअसल, ख्वाजा आसिफ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान की सरकारें लंबे समय से आतंकी संगठनों को समर्थन देती रही हैं। इसके अलावा भारत ने 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर भी बैन लगाया जो भारत विरोधी दुष्प्रचार में लिप्त थे।

मास्टरमाइंड की पहचान: हाशिम मूसा का नाम सामने
इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान के पूर्व स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडर हाशिम मूसा का नाम उजागर किया है। मूसा अब लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है और उसे विशेष रूप से घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। इससे पहले वह अक्टूबर 2024 में गांदरबल जिले के गगनगीर में हमला कर चुका है, जिसमें कई मजदूरों के साथ एक स्थानीय डॉक्टर की भी मौत हुई थी।
NIA की जांच तेज, स्थानीय मददगारों की तलाश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस आतंकी हमले की बारीकी से जांच कर रही है। एजेंसी लगातार सीन री-क्रिएशन कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आतंकियों को किन-किन स्थानीय लोगों से मदद मिली। सूत्रों का मानना है कि आतंकी हमले से पहले कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं, जिनकी पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और चश्मदीदों की गवाही से की जा रही है।
कैबिनेट बैठक में भी कड़े फैसलों की संभावना
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को सुबह 11 बजे कैबिनेट की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक विशेष रूप से पहलगाम हमले के बाद की पहली कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को और धार देने वाले फैसले लिए जाने की संभावना है।
यह साफ है कि केंद्र सरकार अब आतंक के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी के मूड में नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों और सेना को खुली छूट देना यह दिखाता है कि आने वाले समय में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जवाब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से मिलेगा।
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