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March 18, 2025 7:35 PM

“प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में नए मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति”

"प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त, राहुल गांधी ने उठाई आपत्ति"

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में चुनाव आयोग के नए सदस्यों की नियुक्ति

ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त, राजीव कुमार के रिटायरमेंट के बाद मिलेगी जिम्मेदारी

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में ज्ञानेश कुमार को भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के साथ ही वे उन पहले मुख्य चुनाव आयुक्तों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के तहत पदोन्नति दी गई है।

ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल: ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। वह राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, और

ज्ञानेश कुमार को उनके स्थान पर नियुक्त किया गया है।

चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार का योगदान: ज्ञानेश कुमार का अनुभव भारतीय प्रशासन में काफी गहरा है। 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार पिछले साल मार्च से चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य कर रहे थे। उनके पास प्रशासनिक मामलों का अच्छा खासा अनुभव है, जो चुनाव आयोग की जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाने में मदद करेगा।

आने वाले चुनावों की चुनौती: ज्ञानेश कुमार के सामने इस साल बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, और तमिलनाडु के चुनावों की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

इन चुनावों के प्रबंधन में चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, और ज्ञानेश कुमार इस समय में भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च चुनाव संस्था की जिम्मेदारी संभालेंगे।

विवेक जोशी और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो और महत्वपूर्ण नियुक्तियां की गईं। विवेक जोशी, जो हरियाणा के मुख्य सचिव हैं और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। वे राज्य प्रशासन और सरकारी मामलों में एक बड़ा अनुभव रखते हैं, जो उन्हें चुनाव आयोग के कार्यों में मदद करेगा।

इसके अलावा, सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है और वे अपने पद पर बने रहेंगे। उनका अनुभव भारतीय चुनाव आयोग में अहम भूमिका निभाएगा।

नए कानून के तहत नियुक्ति प्रक्रिया: ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति से पहले, मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए थे। पिछले साल एक नया कानून लागू हुआ, जिसके तहत एक खोज समिति द्वारा पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, और प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति ने उनके नामों पर विचार किया। इसके बाद, एक नाम को मंजूरी देने के लिए लोकसभा में नेता विपक्ष और पीएम की ओर से नामित एक मंत्री शामिल होते हैं।

फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अंतिम नियुक्ति होती है।

बैठक में शामिल प्रमुख नेता: इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल थे। यह बैठक महत्वपूर्ण थी क्योंकि चुनाव आयोग का कार्य भारत के लोकतंत्र की नींव है, और इसलिए इन नियुक्तियों में संवैधानिक और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखा गया।

राहुल गांधी का रुख: बैठक के दौरान, राहुल गांधी ने कुछ असहमति जताई थी। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले के चलते इस बैठक का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए था। उनका कहना था कि बैठक को स्थगित किया जाना चाहिए, ताकि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद इन नियुक्तियों पर विचार किया जा सके।

इस बैठक के परिणामस्वरूप, ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया है, और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। उनके साथ विवेक जोशी और सुखबीर सिंह संधू को भी चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। हालांकि, कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया पर कुछ सवाल उठाए थे, फिर भी यह नियुक्ति लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से एक अहम कदम है, जो आने वाले चुनावों के प्रबंधन में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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