'नवकार महामंत्र दिवस' पर नौ संकल्पों का मंत्र, ज्ञान भारतम मिशन की झलक

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में भारत की बौद्धिक और आध्यात्मिक विरासत में जैन साहित्य की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जैन ग्रंथ केवल धार्मिक या दार्शनिक दस्तावेज नहीं हैं, बल्कि भारत की गौरवशाली बौद्धिक परंपरा के स्तंभ हैं। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों से नौ संकल्प लेने का आह्वान भी किया, जो जीवन में सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे।


🔶 जैन साहित्य: भारतीय ज्ञान की अमूल्य धरोहर

प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में प्राकृत और पाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने के निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि इससे जैन साहित्य पर गहन शोध को बल मिलेगा और भारत की पुरातन पांडुलिपियों को संरक्षित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

उन्होंने जैन ग्रंथों की तुलना ज्ञान के महासागर और इतिहास के दर्पण से करते हुए कहा कि ये ग्रंथ मानवता के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष घोषित ‘ज्ञान भारतम मिशन’ के तहत देशभर में पांडुलिपियों का सर्वेक्षण, डिजिटलीकरण और उनके वैज्ञानिक अध्ययन का बड़ा अभियान शुरू किया जाएगा। इससे आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्राचीन ज्ञान को नई पीढ़ियों तक पहुंचाया जाएगा।

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NEW DELHI, APR 9 (UNI):- Prime Minister Narendra Modi attends Navkar Mahamantra Divas, at Vigyan Bhawan in New Delhi on Wednesday. UNI PHOTO-3U

🌏 जैन दर्शन: वैश्विक चुनौतियों के समाधान की कुंजी

प्रधानमंत्री मोदी ने जैन धर्म को वैज्ञानिक, संवेदनशील और समावेशी बताया। उन्होंने कहा कि ‘अनेकांतवाद’ – जैन दर्शन का यह सिद्धांत, संघर्ष और युद्ध की स्थितियों में संतुलन और समझ की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि आज जब पर्यावरण संकट, आतंकवाद, और सांस्कृतिक टकराव जैसी समस्याएं वैश्विक स्तर पर चिंताजनक हैं, ऐसे में जैन सिद्धांत शांति, करुणा और सह-अस्तित्व का मार्ग सुझाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण ‘परस्परोपग्रहो जीवानाम्’ का है, अर्थात जीवन आपसी सहयोग पर आधारित है। इसी भावना के साथ भारत आज विश्व मंच पर अपनी भूमिका निभा रहा है।

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NEW DELHI, APR 9 (UNI):- Prime Minister Narendra Modi attends Navkar Mahamantra Divas, at Vigyan Bhawan, in New Delhi on Wednesday. UNI PHOTO-9U

✅ नवकार महामंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री के नौ संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में नवकार महामंत्र के संदेश को जीवन में उतारने के लिए नौ संकल्पों को साझा किया:

  1. जल संरक्षण:
    पानी की हर बूंद को बचाने का आग्रह करते हुए बुद्धिसागर महाराज के कथन को याद किया – “भविष्य में पानी बिकेगा”
  2. मां के नाम एक पेड़ लगाना:
    प्रधानमंत्री ने हर व्यक्ति से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने और उसका पालन करने का अनुरोध किया।
  3. स्वच्छता मिशन में भागीदारी:
    गली, मोहल्लों से लेकर पूरे देश में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत भागीदारी की अपील की।
  4. वोकल फॉर लोकल:
    स्थानीय उत्पादों को अपनाने और भारतीय मिट्टी व श्रमिकों के परिश्रम से जुड़े सामान को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
  5. देश दर्शन:
    विदेश यात्रा से पहले भारत के विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों का अनुभव लेने की प्रेरणा दी।
  6. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा:
    रासायनिक खेती की जगह प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाने की जरूरत बताई।
  7. स्वस्थ जीवनशैली:
    बाजरा (श्री अन्न) जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने, तेल की खपत कम करने और संयमित जीवन जीने की सलाह दी।
  8. योग और खेल:
    मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग और खेल को दिनचर्या का हिस्सा बनाने की अपील की।
  9. गरीबों की मदद:
    जरूरतमंदों की मदद करने और सेवा के संस्कार को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

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NEW DELHI, APR 9 (UNI):- Prime Minister Narendra Modi attends Navkar Mahamantra Divas, at Vigyan Bhawan in New Delhi on Wednesday. UNI PHOTO-10U

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये संकल्प व्यक्तिगत विकास और सामाजिक समरसता दोनों के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि भारत को आज आध्यात्मिक नेतृत्व और तकनीकी नवाचार दोनों में संतुलन बनाना है, और जैन दर्शन इस दिशा में एक प्रकाश स्तंभ की भूमिका निभा सकता है।