पीएम मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला, द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्शिएंट वेल्वित्शिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें भारत और नामीबिया के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक स्तर पर नेतृत्व और साझा विकास के लिए की गई कोशिशों के लिए प्रदान किया गया। यह मोदी को मिला 27वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान है और इस दौरे का चौथा सर्वोच्च विदेशी पुरस्कार।


सम्मान का महत्व: जीवन, धैर्य और स्थायित्व का प्रतीक
‘वेल्वित्शिया मिराबिलिस’ नाम का यह सम्मान अफ्रीका के नामीबिया रेगिस्तान में पाए जाने वाले एक अद्भुत और दुर्लभ पौधे के नाम पर रखा गया है, जो अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी सैकड़ों वर्षों तक जीवित रह सकता है। यह पौधा नामीबिया की पहचान और जिजीविषा का प्रतीक माना जाता है। सम्मान का नाम इसी विचारधारा को दर्शाता है—धैर्य, स्थायित्व और उत्कर्ष की भावना।

द्विपक्षीय वार्ता में हुआ बहु-आयामी सहयोग पर मंथन
सम्मान समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नेंडी-नदैतवा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों ने कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा की, जिनमें शामिल हैं:
- डिजिटल टेक्नोलॉजी और ई-गवर्नेंस
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
- स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल इनफ्रास्ट्रक्चर
- शिक्षा और कौशल विकास
- क्रिटिकल मिनरल्स और ऊर्जा संसाधन
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत और नामीबिया के संबंध सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह साझेदारी साझा विकास, संरक्षण और वैश्विक भलाई के साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।”


प्रोजेक्ट चीता में नामीबिया की भूमिका को सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में पुनः चीता बसाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता’ में नामीबिया द्वारा दिए गए सहयोग के लिए विशेष धन्यवाद व्यक्त किया। भारत ने सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते भारत लाकर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाए थे, जो दो देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण में ऐतिहासिक सहयोग का उदाहरण बना।

भारत-नामीबिया संबंधों का नया अध्याय
भारत और नामीबिया के संबंध ऐतिहासिक रूप से मधुर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से इन संबंधों में नई ऊर्जा और रणनीतिक दिशा जुड़ी है। अब दोनों देश तकनीकी सहयोग, व्यापार, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में संयुक्त पहलों की ओर अग्रसर हैं।
यह सम्मान इस बात का भी प्रतीक है कि प्रधानमंत्री मोदी का वैश्विक कूटनीतिक प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है और भारत को विश्व मंच पर एक निर्णायक भूमिका में देखा जा रहा है।

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