प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार दौरे के अंतिम दिन पटना एयरपोर्ट पर भारतीय क्रिकेट के सबसे युवा सितारे वैभव सूर्यवंशी से मुलाकात की। यह क्षण भावनाओं और गर्व से भरपूर था जब 14 वर्षीय वैभव ने प्रधानमंत्री के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनके माता-पिता संजीव और सीमा सूर्यवंशी भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने परिवार के साथ लगभग 10 मिनट बिताए, हालांकि यह बातचीत किस विषय पर हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

सबसे कम उम्र में IPL डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने वैभव
वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल और 23 दिन की उम्र में IPL इतिहास में डेब्यू कर सबको चौंका दिया। यह रिकॉर्ड उन्होंने 19 अप्रैल 2025 को राजस्थान रॉयल्स की ओर से लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपना पहला मैच खेलते हुए बनाया। इस मैच में उन्होंने मात्र 20 गेंदों में 34 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें तीन छक्के भी शामिल थे।
इससे पहले यह रिकॉर्ड रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रयास रे बर्मन के नाम था, जिन्होंने 2019 में 16 साल 157 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। वैभव ने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि IPL के इस सीजन में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से लाखों दिल भी जीत लिए।
पहला सीजन, पहली सेंचुरी और 200+ स्ट्राइक रेट
वैभव ने अपने पहले ही IPL सीज़न में 7 मुकाबलों में 252 रन बनाए। उनका बल्लेबाज़ी औसत 36 रहा, जबकि स्ट्राइक रेट 206.55 दर्ज किया गया — जो किसी भी अनुभवी खिलाड़ी के लिए भी गर्व की बात होती।
इस सीजन में उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक भी जमाया। 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में शतक पूरा कर IPL इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक लगाने का कारनामा कर दिखाया। उनसे आगे केवल क्रिस गेल हैं जिन्होंने 2013 में पुणे के खिलाफ 30 गेंदों में सेंचुरी ठोकी थी।

सबसे कम उम्र में फिफ्टी लगाने वाले खिलाड़ी
वैभव ने 20 मई को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 14 साल 32 दिन की उम्र में अर्धशतक लगाया और IPL में फिफ्टी जड़ने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। इससे पहले यह रिकॉर्ड रियान पराग के नाम था, जिन्होंने 17 साल की उम्र में 2019 में फिफ्टी लगाई थी।
बचपन से संघर्ष, पिता ने जमीन बेच दी थी ट्रेनिंग के लिए
वैभव का यह सफर आसान नहीं रहा। समस्तीपुर जिले के ताजपुर के रहने वाले वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बेटे के क्रिकेट के जुनून को देखकर अपनी जमीन बेच दी थी ताकि वह उसे अच्छे कोचिंग संस्थान में भेज सकें। उन्होंने जेनिथ क्रिकेट एकेडमी, समस्तीपुर में वैभव का दाखिला कराया, जहां से उसका पेशेवर सफर शुरू हुआ।
वैभव के कोच बताते हैं कि उनके पिता संजीव हर दूसरे दिन उसे 100 किलोमीटर दूर मैच दिखाने ले जाते थे। इतना ही नहीं, जब वैभव नेट प्रैक्टिस के लिए एक्स्ट्रा टाइम मांगता था, तो उसके साथियों को रुकवाने के लिए संजीव सबके लिए टिफिन भी लेकर आते थे। इस समर्पण और समर्थन ने ही वैभव को क्रिकेट का उभरता सितारा बना दिया।
बिहार का बेटा, भारत की उम्मीद
वैभव न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए एक नई उम्मीद हैं। IPL में उनकी शुरुआत ने यह दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, असली मायने जुनून, समर्पण और मेहनत का होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने इस युवा खिलाड़ी के आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया है।
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