September 17, 2025 1:48 PM

प्रधानमंत्री से मिलकर फूट-फूटकर रोए धराली के आपदा प्रभावित, सुनाई 5 अगस्त की तबाही की दर्दनाक दास्तां

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड में आई भीषण आपदा के घाव अभी भी ताजा हैं। 5 अगस्त को धराली गांव में आई इस आपदा ने सैकड़ों परिवारों का सब कुछ छीन लिया। तबाही के कई दिन बीत जाने के बाद भी गांव के लोग सदमे से उबर नहीं पाए हैं। शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे, तो धराली के आपदा प्रभावित ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में उनसे मिलने पहुंचा। पीएम से मिलते ही ग्रामीण भावुक हो उठे और कई लोगों की आंखें नम हो गईं। यह मुलाकात दुख, पीड़ा और उम्मीदों से भरी हुई रही।

कामेश्वरी देवी का दर्द: बेटे को खोने के बाद टूटा सहारा

मुलाकात के दौरान सबसे भावुक दृश्य उस समय देखने को मिला, जब कामेश्वरी देवी, जिन्होंने आपदा में अपने जवान बेटे आकाश को खो दिया, प्रधानमंत्री के सामने पहुंचीं। वह इतनी दुखी थीं कि अपने दर्द को शब्दों में व्यक्त ही नहीं कर पाईं। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। उन्होंने रोते हुए बस इतना ही कहा,
“इस आपदा ने हमसे सब कुछ छीन लिया… मेरा घर, मेरा परिवार, मेरा बेटा।”
कामेश्वरी देवी का यह दर्द देखकर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।

ग्रामीणों ने सुनाई तबाही की कहानी

धराली से प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वालों में ग्राम प्रधान अजय नेगी, बीडीसी प्रतिनिधि सुशील पंवार, महिला मंगल दल अध्यक्ष सुनीता देवी, और कामेश्वरी देवी शामिल थे।

  • अजय नेगी ने बताया कि उन्होंने इस आपदा में अपने चचेरे भाई समेत कई करीबी साथियों को खो दिया।
  • सुशील पंवार का दर्द और भी बड़ा था, क्योंकि उन्होंने अपने छोटे भाई और उसके पूरे परिवार को इस आपदा में खो दिया।
  • सुनीता देवी, जो महिला मंगल दल की अध्यक्ष हैं, की जीवनभर की मेहनत भी इस आपदा में तबाह हो गई। उनका घर, होमस्टे और बगीचे सब कुछ पलभर में जमींदोज हो गया।

ग्रामीणों ने नम आंखों और भरी हुई आवाज में प्रधानमंत्री को 5 अगस्त की रात का वो भयावह मंजर बताया जब देखते ही देखते धराली गांव का बड़ा हिस्सा मलबे में समा गया। उन्होंने कहा कि कुछ ही मिनटों में ऐसी तबाही हुई कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

लापता में से सिर्फ एक शव मिला

गांव के कई लोग अभी भी लापता हैं। अब तक सिर्फ कामेश्वरी देवी के बेटे आकाश का शव ही बरामद हो सका है। बाकी लापता लोगों के परिजन अभी भी किसी चमत्कार की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री को सौंपी विस्तृत रिपोर्ट, रखी ये मांगे

ग्राम प्रधान अजय नेगी ने प्रधानमंत्री मोदी को गांव की तबाही और प्रभावित परिवारों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री के सामने ये प्रमुख मांगें रखीं:

  1. धराली गांव का पुनर्वास सुरक्षित स्थान पर किया जाए।
  2. प्रभावित परिवारों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
  3. कृषि ऋण माफ किए जाएं ताकि किसान नई शुरुआत कर सकें।
  4. आपदा में जिनके घर और दुकानें नष्ट हो गईं, उन्हें मुआवजा और पुनर्निर्माण सहायता मिले।

पीएम मोदी का आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीणों की बात ध्यान से सुनी और उन्हें भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रही हैं। उन्होंने कहा कि
“आपकी हर पीड़ा को मैं समझ सकता हूं। यह आपदा केवल आपकी नहीं, पूरे देश की त्रासदी है। हर प्रभावित व्यक्ति को हर संभव मदद दी जाएगी।”
पीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों की आंखों में थोड़ी राहत और उम्मीद की चमक दिखी।

धराली की तबाही: संपत्ति से ज्यादा दिलों पर चोट

यह मुलाकात इस बात का प्रतीक थी कि इस आपदा ने न केवल धराली के घर और खेत उजाड़े हैं, बल्कि लोगों के दिलों पर भी गहरे घाव छोड़े हैं।
गांव में आज भी कई परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और किसान अपने बंजर हो चुके खेतों को देखकर रो पड़ते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब उनका गांव फिर से बस सकेगा और लोग एक नई शुरुआत कर पाएंगे।

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