October 15, 2025 3:27 AM

भारत-कनाडा संबंधों में नई गर्माहट: पीएम मोदी और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की मुलाकात में ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग पर बनी सहमति

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दोनों देशों ने आर्थिक साझेदारी को नई दिशा देने, स्वच्छ ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग बढ़ाने का किया निर्णय

पीएम मोदी और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की मुलाकात में ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग पर बनी सहमति

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से चल रहे ठंडे संबंधों के बीच सोमवार को एक नया अध्याय शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बिजनेस, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और सहयोग के नए आयामों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कनाडा के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को शुभकामनाएं दीं और जल्द ही होने वाली द्विपक्षीय वार्ताओं और बैठकों में मुलाकात की उम्मीद जताई। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “विदेश मंत्री अनीता आनंद की यह भारत यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में नई मजबूती और विश्वास का संचार करेगी।”


भारत-कनाडा के बीच सकारात्मक संवाद: मजबूत साझेदारी का रोडमैप तैयार

मुलाकात से पहले दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने विस्तृत बातचीत की और एक साझा बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि भारत और कनाडा ने आने वाले वर्षों के लिए रणनीतिक सहयोग का विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। दोनों देशों ने यह माना कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच सशक्त साझेदारी ही स्थिर विकास का आधार बन सकती है।

2024 में द्विपक्षीय व्यापार 23.66 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसे दोनों पक्षों ने संतोषजनक बताया। भारतीय और कनाडाई कंपनियां अब एक-दूसरे के बाजारों में तेजी से निवेश और व्यापार विस्तार कर रही हैं।


व्यापार और निवेश: फिर से शुरू होगा ‘कनाडा-भारत सीईओ फोरम’

दोनों देशों ने ‘कनाडा-भारत सीईओ फोरम’ को फिर से सक्रिय करने का फैसला किया है, जो 2026 की शुरुआत में आयोजित किया जाएगा। इस फोरम में साफ तकनीक, बुनियादी ढांचा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और डिजिटल नवाचार जैसे क्षेत्रों पर सहयोग के नए रास्ते तय किए जाएंगे। यह मंच न केवल उद्योगपतियों को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि भविष्य की नीतियों के लिए ठोस सिफारिशें भी देगा।


ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर साझेदारी

भारत और कनाडा ने क्लाइमेट चेंज से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है।
दोनों देशों के बीच अब निम्नलिखित विषयों पर गहन सहयोग होगा —

  • एलएनजी, एलपीजी और तेल-गैस व्यापार का विस्तार
  • हरी हाइड्रोजन, जैव ईंधन, और कार्बन कैप्चर तकनीक का विकास
  • इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक, ऊर्जा दक्षता और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली
  • आपदा प्रबंधन और उत्सर्जन नियंत्रण के सर्वोत्तम अभ्यासों का साझा आदान-प्रदान

कनाडा ने भारत के साथ अपनी खनन विशेषज्ञता साझा करने की पेशकश की है, जिससे भारत को महत्वपूर्ण खनिजों की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग और यूरेनियम आपूर्ति पर बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया गया है। मार्च 2026 में टोरंटो में इस विषय पर महत्वपूर्ण खनिज वार्षिक संवाद आयोजित होगा।


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल नवाचार पर गहराएगा सहयोग

डिजिटल क्षेत्र में भी भारत और कनाडा के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और नई तकनीकों पर साझेदारी को लेकर महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।
दोनों देशों ने एआई के विस्तार, साइबर सुरक्षा और फिनटेक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया।
कनाडाई एआई कंपनियां फरवरी 2026 में भारत में आयोजित होने वाले ‘एआई इम्पैक्ट समिट’ में भाग लेंगी।


कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएँ

कृषि क्षेत्र को दोनों देशों ने आपसी सहयोग का प्रमुख क्षेत्र माना है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, उत्पादकता, और स्थायी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर सहमति बनी।
कृषि अपशिष्ट से ऊर्जा और खाद बनाने, जलवायु-प्रतिरोधी फसलों के विकास और किसानों की आय बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
दोनों देशों ने यह भी तय किया कि वे कृषि-मूल्य श्रृंखला में नवाचार और पोषण सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।


शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मिलेगा बढ़ावा

भारत और कनाडा ने यह स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को गहराई देने के लिए लोगों के बीच संपर्क और संवाद को मजबूत करना आवश्यक है।
इसके तहत उच्च शिक्षा, अनुसंधान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन और पेशेवर गतिशीलता पर मिलकर काम किया जाएगा।
कनाडाई विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति देने पर भी चर्चा हुई।
साथ ही, उच्च शिक्षा संयुक्त कार्य समूह को फिर से सक्रिय किया जाएगा ताकि दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग को गति मिल सके।


राजनयिक और सामरिक सहयोग पर सहमति

दोनों देशों के उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग को और गहरा करने पर सहमति बनी।
इसके अलावा, भारत और कनाडा ने बहुपक्षीय संस्थाओं को सशक्त बनाने, वैश्विक आर्थिक स्थिरता, और सामरिक साझेदारी को लेकर भी एक समान दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और कनाडा का रिश्ता केवल व्यापार या तकनीक का नहीं, बल्कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और विश्वास का रिश्ता है। आने वाले समय में दोनों देश एक मजबूत और स्थायी वैश्विक साझेदार बन सकते हैं।”


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