प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक तीन घंटे लंबे विस्तृत इंटरव्यू में भाग लिया। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के इतिहास, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, पाकिस्तान और चीन से संबंधों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा, उनके व्यक्तिगत जीवन और बचपन के अनुभवों पर खुलकर चर्चा की।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पीएम मोदी के विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा कि जब भी भारत ने शांति की पहल की है, उसे पाकिस्तान की ओर से दुश्मनी और विश्वासघात ही मिला है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 2014 में जब वे पहली बार प्रधानमंत्री बने, तो अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई शुरुआत करने की दिशा में था, लेकिन पाकिस्तान ने इस अवसर को नकारात्मक रूप से लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के आम नागरिक शांति चाहते हैं, क्योंकि वे भी आतंकवाद, हिंसा और अस्थिरता से परेशान हैं। निर्दोष लोगों की हत्याएं, आतंकी संगठनों का वर्चस्व और हिंसा का माहौल पाकिस्तान की जनता के लिए भी दुखदायी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि एक दिन पाकिस्तान के नेता समझदारी दिखाएंगे और शांति का रास्ता अपनाएंगे।
RSS और उनके जीवन पर प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ अपने जुड़ाव के बारे में भी विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि RSS में उन्हें जो मूल्य सिखाए गए, उनमें से एक यह था कि किसी भी कार्य को राष्ट्रसेवा की भावना से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वे छोटे थे, तब संघ की सभाओं में जाना उन्हें हमेशा अच्छा लगता था और उनके मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था—देश की सेवा।
उन्होंने यह भी बताया कि RSS केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो समाज सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शुरू किए गए ‘विद्या भारती’ जैसे संगठन शिक्षा में क्रांति ला रहे हैं, और यह संगठन देशभर में हजारों स्कूलों के माध्यम से लाखों बच्चों को शिक्षित कर रहा है।

भारत-चीन संबंधों पर पीएम मोदी की राय
भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों को प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, न कि टकराव। उन्होंने बताया कि उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कई बार बातचीत हुई है और वे भारत-चीन संबंधों को 2020 से पहले की स्थिति में वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, विश्वास बहाली में समय लगेगा, लेकिन बातचीत के माध्यम से विवादों का समाधान करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी, और इसमें भारत और चीन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसलिए दोनों देशों को टकराव से बचकर सहयोग और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से आगे बढ़ना चाहिए।
गुजरात दंगों पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
गुजरात दंगों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2002 से पहले भी गुजरात में 250 से अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके थे। उन्होंने बताया कि 1969 में छह महीने तक दंगे चले थे, लेकिन 2002 के बाद राज्य में स्थायी शांति बनी। उन्होंने कहा कि सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों की न्यायपालिका ने दो बार जांच की और उन्हें निर्दोष करार दिया।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दंगे किसी भी समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होते हैं, और सरकार का कर्तव्य है कि वह शांति और स्थिरता सुनिश्चित करे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में शांति और सौहार्द की संस्कृति को बनाए रखना आवश्यक है।
ट्रम्प और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ट्रम्प एक साहसी नेता हैं, जो अपने फैसले खुद लेते हैं। उन्होंने 2019 में हुए ‘हाउडी मोदी’ इवेंट का जिक्र किया, जिसमें ट्रम्प ने हजारों भारतीय-अमेरिकियों की भीड़ के बीच मंच साझा किया था। मोदी ने कहा कि ट्रम्प के साथ उनका अनुभव सकारात्मक रहा और वे अमेरिका के एक मजबूत नेता हैं।
इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठनों की विफलता पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इन संगठनों की सीमाओं को उजागर कर दिया है, और अब दुनिया को नए वैश्विक नियमों और अधिक प्रभावी संस्थानों की जरूरत है।
खेलों पर प्रधानमंत्री मोदी के विचार
खेलों पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे भारत में खेलों की संस्कृति विकसित हो रही है। उन्होंने क्रिकेट पर बात करते हुए हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान मैच का उदाहरण दिया और कहा कि परिणामों से स्पष्ट होता है कि कौन सी टीम बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
फुटबॉल पर बात करते हुए उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का जिक्र किया, जिसे वहां के लोग ‘मिनी ब्राजील’ कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस छोटे से गांव में चार-पांच पीढ़ियों से फुटबॉल खेला जा रहा है, और यहां से अब तक 80 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल चुके हैं।
व्यक्तिगत जीवन और बचपन की यादें
अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनका जीवन अत्यंत साधारण और संघर्षों से भरा था। उन्होंने कहा कि उनके पास अच्छे जूते नहीं थे, इसलिए वे स्कूल से चॉक इकट्ठा करके अपने सफेद कैनवास जूतों की सफाई करते थे। उनके पास प्रेस करने की सुविधा नहीं थी, तो वे तांबे के लोटे में गर्म पानी करके उससे अपने कपड़े प्रेस कर लेते थे।
उन्होंने कहा कि बचपन में वे अपने पिता की चाय की दुकान पर बैठते थे, जहां आने वाले लोगों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा। उन्होंने इन सीखों को अपने सार्वजनिक जीवन में लागू किया, जिसने उन्हें एक सफल नेता बनाया।
उन्होंने यह भी कहा कि नकारात्मकता उनके सॉफ्टवेयर में नहीं है और वे हमेशा आशावादी रहते हैं। उनका मानना है कि चुनौतियों को अवसर में बदलने का जज्बा ही किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
इस विस्तृत इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल भारत की राजनीति, विदेश नीति और कूटनीति पर चर्चा की, बल्कि अपने जीवन के कई अनछुए पहलुओं को भी उजागर किया। लेक्स फ्रिडमैन के साथ यह पॉडकास्ट न केवल भारत के वर्तमान परिदृश्य को समझने का एक अवसर है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के विचारों, उनकी नीतियों और उनके दृष्टिकोण को भी करीब से जानने का माध्यम है।