September 16, 2025 9:10 PM

प्रधानमंत्री मोदी कल धार से करेंगे ‘आदि सेवा पर्व’ का शुभारंभ, जनजातीय दृष्टि-2030 से बदलेगा गांवों का भविष्य

pm-modi-launches-adi-seva-parv-tribal-village-vision-2030

प्रधानमंत्री मोदी धार से करेंगे ‘आदि सेवा पर्व’ का शुभारंभ, विलेज विजन 2030 से जनजातीय विकास को नई दिशा


आदि सेवा पर्व की होगी शुरुआत: पीएम मोदी धार में करेंगे शुभारंभ, तीन लाख से अधिक चेंज लीडर्स और ‘विलेज विजन 2030’ से जनजातीय विकास को नई दिशा


भोपाल। मध्यप्रदेश के धार जिले के ग्राम भैसोला में 17 सितम्बर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों ‘आदि सेवा पर्व’ का शुभारंभ होने जा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर शुरू होगा और 2 अक्टूबर तक चलेगा। इसे जनजातीय समाज के गौरव और राष्ट्र निर्माण के संगम का महापर्व माना जा रहा है।

आदि सेवा पर्व को सेवा, संकल्प और समर्पण का प्रतीक बताते हुए इसे आदि कर्मयोगी अभियान का हिस्सा बनाया गया है। पर्व के दौरान जनजातीय अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, स्वच्छता, जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सेवात्मक गतिविधियाँ संचालित होंगी।


जनजातीय विकास के लिए बड़ा अभियान

इस पर्व के पीछे सरकार का लक्ष्य है कि जनजातीय समाज की ताकत को संगठित कर आत्मनिर्भर भारत की ओर ठोस कदम बढ़ाया जाए। गांवों में योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचे और स्थानीय नेतृत्व विकसित हो, इसके लिए पूरे अभियान की संरचना की गई है।


तीन लाख से अधिक ‘चेंज लीडर्स’ तैयार

आदि कर्मयोगी अभियान का सबसे बड़ा आधार नेतृत्व क्षमता का विकास है। इसके लिए देशभर में लगभग 3,03,233 चेंज लीडर्स तैयार किए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं–

  • 12 राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स
  • 272 जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स
  • 1210 ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स
  • 18,150 क्लस्टर मास्टर ट्रेनर्स
  • 41 जिला स्तरीय एनजीओ पार्टनर्स और 20 ब्लॉक स्तरीय एनजीओ कर्मी
  • 56,470 आदि सहयोगी (शिक्षक, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, यूथ लीडर्स)
  • 2,03,292 आदि साथी (स्वसहायता समूह सदस्य, जनजातीय प्रतिनिधि, स्वयंसेवक, सांस्कृतिक हस्तियां)
  • 22,588 आदि विद्यार्थी

ये सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों में योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाने का काम करेंगे।


‘विलेज विजन 2030’: गांवों का विकास रोडमैप

आदि सेवा पर्व का एक बड़ा लक्ष्य ‘ट्राईबल विलेज एक्शन प्लान’ और ‘ट्राईबल विलेज विजन 2030’ तैयार करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक जनजातीय गांव के लिए विकास का दीर्घकालिक खाका बनेगा।

  • 2 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभाओं में इन योजनाओं को मंजूरी दी जाएगी।
  • हर गांव में आदि सेवा केन्द्र खोले जाएंगे, जहाँ शिकायत निवारण और सेवा वितरण की व्यवस्था होगी।
  • ग्राम स्तर पर विकास क्रियान्वयन कैलेंडर बनेगा, जिससे योजनाओं को तय समय पर लागू किया जा सके।

विभागीय समन्वय से बड़े पैमाने पर कार्यक्रम

इस अभियान में केवल जनजातीय कार्य विभाग ही नहीं, बल्कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, वन विभाग और जल जीवन मिशन जैसे विभाग भी सक्रिय रहेंगे।

गांवों में जनजागरण यात्राएँ, विषयवार समूह चर्चाएँ, दीवार लेखन, ग्रामीण विकास आवश्यकताओं का आकलन और लोगों का उन्मुखीकरण किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को योजनाओं और अधिकारों के बारे में सीधी जानकारी मिलेगी।


अभियान का ऐतिहासिक महत्व

भारत सरकार का मानना है कि यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में स्थायी बदलाव की शुरुआत करेगा। इससे—

  • जनजातीय समाज में आत्मविश्वास बढ़ेगा
  • गरीबी और बेरोजगारी कम होगी
  • बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा
  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर घटेगी
  • सतत आजीविका के साधन विकसित होंगे

प्रधानमंत्री मोदी के शुभारंभ से जुड़ा यह पर्व केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि गांवों के लिए आजीवन विकास की दृष्टि है, जो 2030 तक जनजातीय जीवन को नई दिशा देगा।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram