July 4, 2025 11:14 AM

भुज से पाकिस्तान को पीएम मोदी की दो टूक चेतावनी: ‘अपनी रोटी खाओ, नहीं तो मेरी गोली तैयार है

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‘गुजरात दौरे पर मोदी ने कच्छ की तरक्की, सेना की ताकत और देश की संप्रभुता पर दिया बड़ा संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सोमवार को वडोदरा, दाहोद और भुज में जनसभाएं कीं और रोड शो के ज़रिए जनता से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने एक ओर कच्छ के विकास और आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर पेश की, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा, “सुख-चैन से जियो, अपनी रोटी खाओ, वरना मेरी गोली भी है।”

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र और आतंकियों को सख्त संदेश

दाहोद में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जब आतंकियों ने हमला किया, तो उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों को चुनौती दी थी। “ऐसे में क्या मोदी चुप बैठ सकता था?” उन्होंने कहा कि देश की सेना ने आतंकियों के ठिकानों को मिटा दिया और ये दिखा दिया कि भारत अब हर हमले का जवाब उसी भाषा में देता है।

उन्होंने कहा—“जो हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाएगा, उसका मिटना भी तय है।”

सेना को खुली छूट, जवाब सटीक और अनुशासित

भुज में अपने संबोधन में मोदी ने बताया कि उन्होंने सेना को पूरी छूट दे रखी है। “हमारी सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और वहां से बिना किसी collateral damage के लौट भी आई—ये हमारे सैनिकों की अनुशासनशीलता और सटीकता का प्रमाण है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की हवाई सेवाएं अब भी ICU में पड़ी हैं।

पाकिस्तान पर सीधा हमला: “टूरिज्म नहीं, टेररिज्म पाल रहे हो”

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की नीतियों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि भारत जहां पर्यटन को बढ़ावा देकर विश्व में अपनी जगह बना रहा है, वहीं पाकिस्तान ने आतंकवाद को ही पर्यटन का विकल्प बना लिया है। उन्होंने पाकिस्तान की आवाम से भी अपील की कि वे अपनी सरकार और सेना की असलियत को समझें और आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों।

सिंदूर का पौधा पीएम हाउस में लगेगा

भुज की सभा में कच्छ की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को सिंदूर का पौधा भेंट किया, जिसे स्वीकार करते हुए मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा—“इस पौधे को मैं दिल्ली के पीएम हाउस में लगाऊंगा, और यह पौधा एक दिन वटवृक्ष बनेगा, जो देश के गर्व का प्रतीक होगा।”

कच्छ की वीरता और विकास की मिसाल

प्रधानमंत्री ने कच्छ की वीर माताओं और बहनों को याद करते हुए कहा कि 1971 की जंग के दौरान उन्होंने सीमाओं पर दुश्मनों को सबक सिखाया था। 9 मई की रात को जब सीमा पर ड्रोन देखे गए, तब भी कच्छ ने पूरी तरह से सतर्कता दिखाई।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब कच्छ से पलायन होता था, लेकिन आज यहां के लोगों को यहीं रोजगार मिल रहा है और वे बाहर से लोगों को भी अवसर दे रहे हैं। नर्मदा का पानी यहां पहुंचने से खेती, आम, खजूर, ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलें फल-फूल रही हैं।

जहाज निर्माण से आत्मनिर्भरता की ओर

मोदी ने मांडवी की जहाज निर्माण परंपरा को याद करते हुए कहा कि अब भारत उसी विरासत को आधुनिक रूप दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ जहाजों का निर्माण ही नहीं करेगा, बल्कि उन्हें एक्सपोर्ट भी करेगा। उन्होंने भावनगर के अलंग यार्ड को एशिया का सबसे बड़ा शिपब्रेकिंग यार्ड बताते हुए कहा कि अब वहां निर्माण भी होगा।

ऊर्जा क्रांति में कच्छ की भूमिका

प्रधानमंत्री ने बताया कि रेगिस्तान की भूमि अब ऊर्जा क्रांति का केंद्र बन चुकी है। “कच्छ ने न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के ऊर्जा मानचित्र पर अपनी जगह बनाई है।” उन्होंने कहा कि पीएम सूर्य घर योजना के जरिए हर घर को बिजली मिल रही है और सरकार का लक्ष्य है कि बिजली का बिल शून्य हो जाए।

“भूकंप के बाद भी मेरा कच्छ फिर से खड़ा हुआ”

2001 में आए भूकंप की त्रासदी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब पूरी दुनिया ने मान लिया था कि कच्छ खत्म हो गया है, तब उन्होंने और कच्छवासियों ने हिम्मत नहीं हारी। “मुझे यकीन था कि मेरा कच्छ फिर से उठ खड़ा होगा और आप सबने वह कर दिखाया।”

“कच्छ गुजरात का तोरण है, रण नहीं”

अपने संबोधन के अंत में मोदी ने कहा कि कांडला पोर्ट ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स का केंद्र बन चुका है। आज जिन प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ, उनमें मेड इन इंडिया टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा—”दुनिया जिसे कच्छ का रण कहती है, मैं उसे गुजरात का तोरण मानता हूं।”



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