प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिजनों से मुलाकात की। यह मुलाकात चकेरी एयरपोर्ट परिसर में हुई, जो करीब आठ मिनट तक चली। इस दौरान शुभम की पत्नी ऐशन्या, पिता संजय द्विवेदी और मां सीमा भावुक हो उठे।
प्रधानमंत्री के सामने जब शुभम की पत्नी ऐशन्या बिलख पड़ीं, तो वह खुद भी भावुक हो गए। ऐशन्या और परिवार के अन्य सदस्यों ने रोते हुए हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री से कहा – “हमारे बेटे की शहादत व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।” इस पर प्रधानमंत्री ने गंभीर भाव से कहा –
“ऑपरेशन सिंदूर थमा जरूर है, लेकिन खत्म नहीं हुआ। यह आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का एक चरण था, जो आगे भी जारी रहेगा।”
प्रधानमंत्री ने शुभम के पिता संजय द्विवेदी के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें ढांढस बंधाया और आश्वस्त किया कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कोई ढील नहीं देगी।

“धर्म पूछकर मारा गया… हमें बांटने आए थे” – ऐशन्या की प्रधानमंत्री से संवेदनशील बातचीत
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ऐशन्या ने मीडिया से कहा –
“मेरे दो विचार थे, जो मैंने पीएम मोदी के सामने रखे और उन्होंने उन्हें पूरी गंभीरता से सुना। मैंने उनसे कहा कि कश्मीर में चीजें बेहतर हो रही थीं, शायद आतंकियों को यही मंजूर नहीं था। वे माहौल बिगाड़ने आए थे – हिंदू-मुस्लिम को बांटने। उन्होंने धर्म पूछकर हमें निशाना बनाया। यह हमला सिर्फ लोगों पर नहीं, देश की एकता पर था।”
प्रधानमंत्री ने ऐशन्या की बात को गंभीरता से सुनते हुए यह स्वीकार किया कि “उन्हें भी यही लगता है कि आतंकियों की मंशा देश को बांटने की थी। लेकिन पूरा देश एक है और एकजुट रहेगा।”
ऐशन्या ने बताया कि प्रधानमंत्री इस मुलाकात में सिर्फ संवेदना व्यक्त करने नहीं, बल्कि पूरा घटनाक्रम समझने और परिवार का दुःख साझा करने आए थे। उन्होंने शुभम की शहादत और परिवार की स्थिति के बारे में पहले से जानकारी रखी थी।
भावुक होते हुए ऐशन्या ने कहा – “ऐसा लगा जैसे किसी बड़े ने सिर पर हाथ रख दिया हो।” प्रधानमंत्री की उपस्थिति और उनकी संवेदनशीलता ने उनके दिल को छू लिया।
पिता संजय द्विवेदी बोले – “पीएम दुखी थे, भरोसा दिलाया कि आतंकवाद का अंत होगा”
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें संतोष हुआ। उन्होंने कहा –
“प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, उससे हमें तसल्ली मिली कि सरकार सिर्फ बात नहीं, कार्रवाई भी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आज समय कम है, लेकिन अगली बार आपसे विस्तृत बातचीत करूंगा।”
इस मुलाकात ने उस परिवार को न केवल सांत्वना दी, बल्कि देश भर के लोगों को यह संदेश भी दिया कि सरकार अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील है, और आतंकी हमलों पर उसकी नीति स्पष्ट और निर्णायक है।
आतंकियों ने 22 अप्रैल को किया था हमला, 26 की गई थी जान
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इन्हीं में एक थे कानपुर के शुभम द्विवेदी, जिन्हें आतंकियों ने उनकी पत्नी ऐशन्या के सामने गोली मार दी थी।
इस हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमापार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसे प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए “धर्म के नाम पर हिंसा करने वालों को दिया गया जवाब” बताया था।
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