अमेरिकी टैरिफ संकट के बीच पीएम मोदी का जापान दौरा संपन्न, चीन में एससीओ सम्मेलन में होंगे शामिल

वैश्विक व्यापार पर अमेरिकी टैरिफ के नए फैसलों से उपजे तनावपूर्ण माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों एशियाई दौरे पर हैं। शनिवार को उन्होंने जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी कर चीन के लिए प्रस्थान किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने जापान में कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिनमें हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन की यात्रा और सेमीकंडक्टर प्लांट का निरीक्षण विशेष रूप से चर्चा में रहा। अब पीएम मोदी चीन के तियानजिन शहर में होने वाले एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहाँ उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी तय है।


जापान दौरा: सहयोग और तकनीकी प्रगति पर फोकस

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान यात्रा के समापन पर सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा कि “यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए हमेशा याद रखी जाएगी, जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी जनता और सरकार को मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताया।

जापान प्रवास के दौरान पीएम मोदी ने सेनडाई स्थित टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री (टीईएल) का मुआयना किया। यहाँ उन्होंने प्रशिक्षण कक्ष और उत्पादन नवाचार प्रयोगशाला का अवलोकन किया और कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र भारत-जापान सहयोग का एक महत्वपूर्ण आधार है। हाल के वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और बड़ी संख्या में युवा इससे जुड़ रहे हैं।


सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नए अवसर

सेमीकंडक्टर निर्माण की अग्रणी कंपनी टीईएल (टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री) मियागी भारत के साथ सहयोग को लेकर उत्सुक है। कंपनी ने वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में अपनी भूमिका और भारत के साथ नियोजित सहयोग पर पीएम मोदी को जानकारी दी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस यात्रा से दोनों देशों को आपूर्ति श्रृंखला, निर्माण और परीक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यावहारिक समझ मिली।


बुलेट ट्रेन की सवारी और जन-जन से जुड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की मशहूर हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन की यात्रा का भी अनुभव लिया। इस यात्रा के जरिए उन्होंने न केवल जापान की तकनीकी श्रेष्ठता का अवलोकन किया, बल्कि भारत में चल रहे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए प्रेरणा और सहयोग की दिशा भी स्पष्ट की। विशेषज्ञों का मानना है कि जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत की विशाल मांग, दोनों मिलकर भविष्य में बड़े निवेश और रोजगार सृजन का आधार बन सकती हैं।


चीन दौरा: एससीओ सम्मेलन पर निगाहें

जापान यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी चीन के तियानजिन रवाना हो गए हैं। वहाँ वे एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इस मंच पर भारत की प्राथमिकता सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा और व्यापारिक साझेदारी रहेगी। पीएम मोदी की मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी प्रस्तावित है। इन बैठकों को मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी टैरिफ नीति के बीच विशेष महत्व का माना जा रहा है।


प्रधानमंत्री मोदी का यह एशिया दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक व्यापार पर दबाव बढ़ा है और महाशक्तियों के बीच नए समीकरण बन रहे हैं। जापान में सेमीकंडक्टर और हाई-स्पीड ट्रेन जैसे क्षेत्रों में सहयोग से भारत को तकनीकी बढ़त मिल सकती है, जबकि चीन में एससीओ बैठक भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों पर अपनी भूमिका मजबूत करने का अवसर देगी।