प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं से किया संवाद, नीतीश कुमार ने राज्य के विकास में योगदान के लिए जताया आभार
पटना, 04 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह-2025 में देशभर के युवाओं से संवाद किया और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के टॉपर्स को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित योजनाओं और पहलों का शुभारंभ किया। समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए और राज्य के विकास में प्रधानमंत्री के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।

कौशल दीक्षांत समारोह से युवाओं को मिला नया मंच
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि “आज का भारत कौशल को प्राथमिकता देने वाला भारत है।” उन्होंने बताया कि यह समारोह इस सोच का प्रतीक है कि जब तक श्रम और कौशल को सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक युवा आत्मविश्वास के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भर के युवाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास से जुड़ी दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिससे लाखों युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बिहार सहित पूरे देश के आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित किया और कहा कि यह प्रतिभाएं आने वाले भारत की आधारशिला हैं।
बिहार को मिला कौशल विकास का नया विश्वविद्यालय
इस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार को कई बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया, जो राज्य के युवाओं को व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने एनआईटी पटना के बिहटा कैंपस का भी लोकार्पण किया, जिससे तकनीकी शिक्षा को और मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “बिहार की धरती ने देश को हमेशा दिशा दी है, और अब कौशल विकास के माध्यम से यह राज्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा।”
छात्रवृत्ति, नियुक्ति पत्र और नई योजनाओं का शुभारंभ
कौशल दीक्षांत समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार के 25 लाख विद्यार्थियों को डीबीटी के माध्यम से 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि हस्तांतरित की। इसके साथ ही उन्होंने नवचयनित 3942 युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए।
कार्यक्रम में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का पुनर्निर्माण, बिहार युवा आयोग की स्थापना, तथा मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के लाभुकों को राशि वितरण की भी घोषणा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी योजनाएँ युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।

‘पीएम-उषा अभियान’ से शिक्षा संस्थानों को मिलेगा नया रूप
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पीएम-उषा अभियान’ के तहत बिहार के चार प्रमुख विश्वविद्यालयों—पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (पटना)—में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएँ बिहार के युवाओं को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करने में सहायक होंगी।

नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को बताया संयुक्त प्रयास का परिणाम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज का दिन बिहार के युवाओं के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के लिए की गई घोषणाएँ और योजनाएँ राज्य के विकास को नई गति देंगी।”
नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार युवाओं की शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में निरंतर काम कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2015 में शुरू किए गए सात निश्चय कार्यक्रम के तहत ‘बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’, ‘कुशल युवा कार्यक्रम’ और ‘स्वयं सहायता भत्ता योजना’ जैसे कार्यक्रमों ने लाखों युवाओं को लाभान्वित किया है।
एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत बिहार सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था। अब तक राज्य सरकार 10 लाख नौकरियाँ और 40 लाख रोजगार प्रदान कर चुकी है। उन्होंने कहा कि आने वाले पाँच वर्षों में बिहार सरकार का लक्ष्य है कि एक करोड़ युवाओं को रोजगार और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएँ।
नीतीश कुमार ने कहा कि जब 24 नवंबर 2005 को राजग सरकार बनी थी, तब बिहार की स्थिति बेहद खराब थी। “उस समय शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था सभी क्षेत्रों में अराजकता थी। हमने इन सभी क्षेत्रों में सुधार किया है। आज बिहार में कानून का राज है और सभी क्षेत्रों में तेज़ी से विकास हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने सराहा बिहार का बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “आज का बिहार, बीते दो दशकों के भीतर जिस परिवर्तन से गुजरा है, वह प्रेरणादायक है।” उन्होंने कहा कि कभी शिक्षा और रोजगार के लिए बिहार से पलायन करने वाले युवा अब राज्य में ही अवसर पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य सरकार की योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि “बिहार ने साबित किया है कि सही दिशा और नीयत से कोई भी राज्य विकास की नई ऊँचाइयों को छू सकता है।”

कार्यक्रम में प्रस्तुत हुई प्रेरणादायक झलकियाँ
कार्यक्रम के दौरान बिहार में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में हुई प्रगति पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इसमें उन युवाओं की कहानियाँ दिखाई गईं जिन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को बदला। कई युवाओं ने मंच से अपने अनुभव साझा किए और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि “यह दशक भारत के युवाओं का दशक है। बिहार के युवा आत्मविश्वास और संकल्प के साथ देश के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।”
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