देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी से 14 फरवरी तक उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन मंगलवार, 29 जनवरी 2025 को करेंगे। यह उद्घाटन समारोह देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। खेलों के उद्घाटन को लेकर राज्य सरकार और आयोजकों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, और सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाईटेक इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्थाएं:
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनज़र महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में सुरक्षा कड़ी की गई है। स्टेडियम के दो किलोमीटर के दायरे को ‘रेड जोन’ घोषित किया गया है, और इस क्षेत्र को ‘नो फ्लाइंग जोन’ भी माना गया है। इसका मतलब है कि यहां ड्रोन उड़ाने की भी अनुमति नहीं होगी। इस उच्च सुरक्षा के तहत सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने निर्धारित समय से तीन घंटे पहले ड्यूटी स्थल पर पहुंचेंगे। सोमवार को पुलिस के उच्च अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को फाइन ब्रीफ किया और सुरक्षा के सभी पहलुओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक सावधानियां बरती गई हैं।
खेलों का आयोजन:
38वें राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 28 जनवरी से हो रही है और यह 14 फरवरी तक जारी रहेंगे। इस बार यह खेल उत्तराखंड के सात शहरों में आयोजित होंगे, जिनमें देहरादून मुख्य आयोजन स्थल होगा। अन्य खेल स्थल हरिद्वार, नैनीताल, हल्द्वानी, रुद्रपुर, शिवपुरी और नई टिहरी हैं। इन खेलों में कुल 38 टीमों के करीब 10,000 खिलाड़ी और अधिकारी हिस्सा लेंगे, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में से एक बना देगा। यह आयोजन उत्तराखंड के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि राज्य अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।
शुभंकर ‘मौली’:
38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर ‘मौली’ है, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी ‘मोनाल’ से प्रेरित है। ‘मौली’ इस क्षेत्र की अनूठी प्राकृतिक सुंदरता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह शुभंकर खेलों की भावना और राज्य के गौरव को दर्शाता है।
खेलों की सूची:
इस आयोजन में ओलंपिक खेलों से जुड़े शीर्ष खेलों की स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें एथलेटिक्स, तैराकी, निशानेबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, हॉकी, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन, फुटबॉल, टेनिस और टेबल टेनिस शामिल हैं। इसके अलावा, पारंपरिक खेलों में कबड्डी और खो-खो की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। कुछ प्रदर्शनी खेलों में कलारीपयट्टू, योगासन, मल्लखंभ और राफ्टिंग शामिल होंगे, जिनमें पदक नहीं दिए जाएंगे, लेकिन इन खेलों का उद्देश्य सांस्कृतिक और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना है।
खेलों की मेज़बानी का महत्व:
38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है क्योंकि राज्य अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इन खेलों का आयोजन उत्तराखंड में खेलों के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता और क्षेत्रीय स्तर पर खेलों के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। खेलों का आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक पहचान को भी बढ़ावा देगा।
38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भारत की खेल संस्कृति को समृद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के साथ ही इन खेलों का समापन उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय बन गया है। इन खेलों से न केवल खिलाड़ियों को प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, बल्कि देशभर में खेलों के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ेगा।