प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन बेहद खास और सशक्त संदेशों से भरपूर रहा। उन्होंने गांधीनगर में दो किलोमीटर लंबे भव्य रोड शो के साथ दिन की शुरुआत की, जहाँ लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। इसके बाद उन्होंने ‘गुजरात शहरी विकास गाथा’ के 20 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में भाग लिया और ‘शहरी विकास वर्ष 2025’ की औपचारिक शुरुआत की।
5,536 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात
प्रधानमंत्री ने गुजरात को 5,536 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी।
पीएम आवास योजना के तहत 1,006 करोड़ रुपये से बने 22,055 नए मकानों का लोकार्पण किया गया।
साबरमती रिवरफ्रंट के तीसरे चरण की आधारशिला भी रखी गई, जिसकी लागत 1,000 करोड़ रुपये बताई गई।
सके अलावा, सूरत के कंकारा खाड़ी क्षेत्र में बने 60 हेक्टेयर क्षेत्रफल के बायो डायवर्सिटी पार्क का विशेष उल्लेख हुआ, जिसमें जल संरक्षण, हरियाली और पर्यावरण शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। पार्क में 5 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं, साथ ही पर्यावरण प्रेमियों के लिए 13 किमी वॉक वे और 11 किमी का साइकिल ट्रैक भी तैयार किया गया है।
आतंकवाद पर तीखा हमला: “22 मिनट में उड़ा दिए 9 ठिकाने”
गुजरात की धरती से प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आतंकवाद पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा—
“हमने आतंकवाद के 9 ठिकाने कैमरे के सामने 22 मिनट में तबाह कर दिए, ताकि किसी को सबूत मांगने की जरूरत न पड़े। पाकिस्तान को मालूम है कि वो भारत से सीधी लड़ाई नहीं जीत सकता, इसलिए वह आतंक के सहारे लड़ाई लड़ रहा है।”
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की कथनी-करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि—
“उन आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तान के झंडे लहराए गए, ताबूतों को ‘स्टेट ऑनर’ मिला—तो यह कोई प्रॉक्सी वॉर नहीं, यह घोषित युद्ध का हिस्सा है। जवाब भी वैसा ही दिया जाएगा।”
भुज से चेतावनी: “रोटी खाओ, गोली मत खाओ”
इससे पहले सोमवार को भुज में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने सीधे पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा था—
“अपने हिस्से की रोटी खाओ, सुख-चैन से जियो, नहीं तो मेरी गोली भी तैयार है।”
यह बयान देश की आक्रामक रक्षा नीति की ओर इशारा करता है, जहाँ अब ‘संयम’ के साथ ‘प्रत्युत्तर’ भी साथ चलेगा।
गुजरात: नमक से हीरे तक की विकास यात्रा
गांधीनगर में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने गुजरात के विकास मॉडल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि—
“गुजरात ने नमक से लेकर हीरे तक का सफर तय किया है। अब गिर के शेरों से लेकर साहसिक पर्यटन, सोमनाथ से अंबाजी तक, यूनिटी ऑफ स्टैच्यू से लेकर स्टार्टअप्स तक—हर क्षेत्र में अग्रणी है।”
उन्होंने ‘कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में’ जैसे अभियानों की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि—
“आज दुनिया भर के पर्यटक गुजरात आने लगे हैं, यही असली ब्रांड गुजरात है।”
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भारत
पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल की शुरुआत और आज की आर्थिक स्थिति पर रोशनी डालते हुए कहा—
“2014 में जब मैंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी। हमने कोरोना, प्राकृतिक आपदाएं और पड़ोसियों की चुनौतियों से जूझते हुए आज 4वें स्थान तक का सफर तय कर लिया है। जल्द ही हम तीसरे नंबर पर होंगे। और जब कोई पूछेगा—कैसे? तो जवाब आएगा—मोदी है तो मुमकिन है।”
गुजरात से ओलिंपिक की उम्मीद
2035 में गुजरात के 75 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि देश चाहता है कि उस वर्ष के ओलिंपिक खेलों का आयोजन गुजरात में हो। उन्होंने कहा कि जब गुजरात महाराष्ट्र से अलग हुआ था, तब कहा गया था कि ये कैसे चलेगा? लेकिन आज पूरी दुनिया गुजरात की विकास गाथा से परिचित है।
“ये देश वीरों की भूमि है”
प्रधानमंत्री ने कहा कि—
“हम वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत पर चलते हैं, लेकिन जब हमारे धैर्य की परीक्षा ली जाती है, तो यह धरती वीरों की भी है। इतिहास गवाह है कि तीन युद्धों में हमने पाकिस्तान को धूल चटाई, इसलिए अब वह प्रॉक्सी वॉर की राह पर है।”
उन्होंने इतिहास के पन्नों से सरदार पटेल के सुझाव की अनदेखी और पीओके की स्थिति को जोड़ते हुए स्पष्ट किया कि अब भारत हर चुनौती का जवाब अपनी शर्तों पर देगा।
गुजरात के विकास की 20 वर्षों की यात्रा को सिर्फ भौतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा गया है। पीएम मोदी ने आज जिस तरह विकास, देशभक्ति और दृढ़ता का मिश्रण प्रस्तुत किया—वह न केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत को भविष्य की दिशा में प्रेरणा देने वाला है।
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