भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्यप्रदेश के 15 लाख 63 हजार से अधिक हितग्राहियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों के साथ वर्चुअल संवाद भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए।
स्वामित्व योजना: ग्रामीण संपत्ति को अधिकार देने की पहल
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत व्यक्तियों को उनकी संपत्ति का अधिकार अभिलेख प्रदान करना है। यह योजना 7 जुलाई 2020 को शुरू की गई थी और इसका लाभ उन व्यक्तियों को दिया जा रहा है, जो 25 सितंबर 2018 के पूर्व से ग्रामीण आबादी भूमि पर निवासरत हैं।
संपत्ति कार्ड के लाभ
- बैंक से ऋण प्राप्त करना: हितग्राही अपने संपत्ति कार्ड का उपयोग बैंक से ऋण लेने के लिए कर सकते हैं।
- संपत्ति को बंधक रखना: यह कार्ड संपत्ति को कानूनी रूप से बंधक रखने की सुविधा देता है।
- संपत्ति का विक्रय: संपत्ति का क्रय-विक्रय अब अधिकार अभिलेख के माध्यम से अधिक आसान हो गया है।
मध्यप्रदेश में योजना की प्रगति
मध्यप्रदेश में योजना के तहत 45.60 लाख निजी संपत्तियों के सर्वेक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इनमें से 39.63 लाख संपत्तियों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है, जो कुल लक्ष्य का 88% है।
अब तक 24 लाख हितग्राहियों को उनके अधिकार अभिलेख (संपत्ति कार्ड) वितरित किए जा चुके हैं।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
- राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सजीव प्रसारण: सिवनी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी जिलों में किया गया।
- जिला स्तरीय सहभागिता: सभी जिला मुख्यालयों पर केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद और विधायकों की उपस्थिति रही।
- प्रशिक्षण और अभिविन्यास सत्र: हितग्राहियों और पंचायत अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जिनमें स्वामित्व योजना और मेरी पंचायत एप का उपयोग सिखाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “स्वामित्व योजना केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत में सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है। यह योजना न केवल ग्रामीण निवासियों को संपत्ति का अधिकार देती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने का माध्यम भी बनती है।”
डॉ. मोहन यादव का बयान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “यह योजना ग्रामीण विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली है। संपत्ति कार्ड के माध्यम से हितग्राही अब न केवल अपनी संपत्ति पर अधिकार प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि इसे एक संपत्ति के रूप में उपयोग भी कर पा रहे हैं।”
अभियान की भविष्य की योजना
मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य जल्द से जल्द 100% लक्ष्य हासिल करना है। इसके लिए सभी स्तरों पर काम तेजी से किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मध्यप्रदेश में इस योजना के सफल क्रियान्वयन ने इसे देशभर में एक आदर्श उदाहरण बना दिया है।