प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को जन्मदिन की बधाई दी, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर हुई चर्चा
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत कर उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और उनके सभी प्रयासों में सफलता की कामना की। यह बातचीत न केवल शुभकामना का आदान-प्रदान थी, बल्कि दोनों देशों के बीच चल रही रणनीतिक साझेदारी और भविष्य की योजनाओं की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संवाद रही।
सौहार्दपूर्ण बातचीत में दिखा पारस्परिक सम्मान
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, मोदी और पुतिन के बीच हुई यह बातचीत अत्यंत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक रही। प्रधानमंत्री ने पुतिन को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय कार्ययोजनाओं की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-रूस संबंध केवल कूटनीतिक या रणनीतिक साझेदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों की जनता के बीच गहरे विश्वास, आपसी सहयोग और समान दृष्टिकोण पर आधारित हैं।

विशेष रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत के दौरान भारत और रूस के बीच “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी (Special and Privileged Strategic Partnership)” को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस साझेदारी के तहत दोनों देश ऊर्जा, रक्षा, विज्ञान, शिक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार और सांस्कृतिक क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग कर रहे हैं।
दोनों नेताओं ने यह भी माना कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और रूस के सहयोग की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। मोदी ने कहा कि भारत, रूस के साथ दीर्घकालिक और संतुलित संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिसंबर में भारत आएंगे राष्ट्रपति पुतिन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। इस वर्ष दिसंबर में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में होना है। इस दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करेंगे और नई साझेदारी पहलों की घोषणा की उम्मीद है।
भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की परंपरा वर्ष 2000 से चली आ रही है। यह दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय राजनीतिक संवाद का सबसे महत्वपूर्ण मंच माना जाता है। हर वर्ष प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन बारी-बारी से एक-दूसरे के देश का दौरा करते हैं।

ऊर्जा, रक्षा और व्यापार – साझेदारी के प्रमुख क्षेत्र
भारत और रूस के बीच सहयोग के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र ऊर्जा, रक्षा और तकनीकी साझेदारी हैं। रूस भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का एक बड़ा भागीदार है — विशेष रूप से तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति, परमाणु ऊर्जा सहयोग और कोयला क्षेत्र में निवेश को लेकर दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं।
रक्षा क्षेत्र में भी भारत और रूस का सहयोग दशकों पुराना है। ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर सुखोई विमान और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम तक अनेक परियोजनाएं दोनों देशों के तकनीकी सहयोग का प्रमाण हैं। इसके अलावा, भारत और रूस “मेक इन इंडिया” के तहत संयुक्त निर्माण और अनुसंधान पर भी काम कर रहे हैं।
वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण
मोदी और पुतिन के बीच हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय परिदृश्यों पर भी चर्चा की। दोनों देशों की यह परंपरा रही है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
भारत और रूस, संयुक्त राष्ट्र (UN), ब्रिक्स (BRICS), शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और G20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे के रणनीतिक साझेदार रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण, स्थिर और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में रूस को एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में देखता है।
‘पुराना मित्र, नया विश्वास’ – भारत-रूस रिश्तों की विशेषता
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की आपसी समझ और मित्रता को वैश्विक मंचों पर भी कई बार देखा गया है। चाहे ब्रिक्स सम्मेलन हो या जी-20 की बैठकें — दोनों नेताओं के बीच सहज संवाद और पारस्परिक सम्मान की झलक बार-बार दिखाई देती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह टेलीफोनिक बातचीत यह दर्शाती है कि भारत और रूस के बीच भरोसे का रिश्ता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी गहराई रखता है। मोदी ने पुतिन को “पुराना मित्र” कहते हुए उनके नेतृत्व की सराहना की और भारत-रूस संबंधों को और सुदृढ़ करने की इच्छा जताई।

आगे की राह – नई साझेदारी की संभावनाएं
दिसंबर में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान ऊर्जा, रक्षा, विज्ञान और तकनीकी सहयोग के नए समझौतों की घोषणा की संभावना है। इसके अलावा, अंतरिक्ष तकनीक, कृषि, फार्मा और डिजिटल इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच नई पहलें शुरू हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इस यात्रा में रूस एक भरोसेमंद भागीदार है। वहीं पुतिन ने भारत की तेज़ आर्थिक प्रगति और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका की सराहना की।
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