इतिहास में सच्चाई दर्ज हो, कांग्रेस का गढ़ा हुआ पक्ष नहीं: केवड़िया में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

केवड़िया में सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर बोले प्रधानमंत्री — “कांग्रेस ने दशकों तक सच्चाई छिपाई, अब देश को असली इतिहास जानने का हक़ है”

केवड़िया। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। देश के पहले गृह मंत्री और लौह पुरुष के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “इतिहास में सच्चाई दर्ज होनी चाहिए, न कि कांग्रेस का गढ़ा हुआ और तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया पक्ष।”

मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद के कालखंड में सरदार पटेल के असाधारण योगदान को कांग्रेस ने जानबूझकर दबाने की कोशिश की, क्योंकि सच्चाई उनके राजनीतिक हितों के विपरीत थी।


सरदार पटेल का योगदान भारत की एकता का आधार: प्रधानमंत्री मोदी

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस पर परेड की सलामी ली। उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल एक नेता को याद करने का नहीं, बल्कि उस “लौह संकल्प” को स्मरण करने का है जिसने भारत की एकता और अखंडता की नींव रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा —
“हम असली लौह पुरुष को नमन करते हैं, जिन्होंने न केवल विदेशी ताकतों से, बल्कि देश के भीतर की साजिशों और धोखे से भी भारत की एकता की रक्षा की। सरदार पटेल का जीवन त्याग, दृढ़ता और निर्णय क्षमता का प्रतीक था। उन्होंने कभी भी भारत की अखंडता से समझौता नहीं किया।”

publive-image

मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि 86 वर्षों तक कांग्रेस ने इतिहास के इस सच्चे अध्याय को छिपाकर रखा। उन्होंने इतिहासकार रिजवान कादरी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इस छिपे हुए सत्य को सामने लाकर देश को उस ऐतिहासिक सच्चाई से परिचित कराया, जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर दबाया था।

publive-image

“कश्मीर का विलय सरदार पटेल की अधूरी इच्छा थी”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे पर भी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा —
“सरदार साहब चाहते थे कि जिस तरह उन्होंने बाकी रियासतों को भारत में मिलाया, उसी तरह कश्मीर का भी भारत में विलय हो। लेकिन पंडित नेहरू ने उनकी इस इच्छा को पूरा नहीं होने दिया।”

उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान देकर कांग्रेस ने जो गलती की, उसी की आग में देश दशकों तक जलता रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया गया है, तो यह सरदार पटेल की उस भावना को सच्ची श्रद्धांजलि है जो वे अपने जीवनकाल में देखना चाहते थे। मोदी ने कहा —
“देश की एकता को कमजोर करने वाली हर सोच से देशवासियों को दूर रहना चाहिए। यही राष्ट्रीय कर्तव्य है और यही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि।”


घुसपैठियों से देश की एकता को खतरा: मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश की आंतरिक सुरक्षा और घुसपैठ के खतरे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा —
“आज हमारे देश की एकता और सुरक्षा को विदेशी घुसपैठियों से गंभीर खतरा है। दशकों से ये घुसपैठिए भारत की सीमाएं लांघकर देश के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं और जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।”

मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस गंभीर मुद्दे को कभी गंभीरता से नहीं लिया। वोट-बैंक की राजनीति के चलते उन्होंने देश की सुरक्षा से समझौता किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पहली बार देश ने इस चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ और निर्णायक नीति अपनाई है। “अब भारत घुसपैठ, आतंक और आंतरिक अस्थिरता के खिलाफ समझौता नहीं करेगा। यह नया भारत है, जो अपने संकल्पों पर अडिग है।

publive-image
publive-image

publive-image
publive-image

“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संकल्प दोहराया

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल की एकता की भावना को जीवन में उतारें। उन्होंने कहा —
“भारत की शक्ति उसकी विविधता में है, और यही विविधता हमारी एकता की सबसे बड़ी ताकत है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह इस एकता को बनाए रखे और देश की प्रगति में योगदान दे।”

मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि वह भावना है जो हमें जोड़ती है — भाषा, क्षेत्र, धर्म और विचारधारा से परे।

publive-image