प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र के लिए शुरू की ₹35,440 करोड़ की दो योजनाएं, बोले– 2014 के बाद बदली देश की खेती की तस्वीर
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर 2025।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में देश के किसानों के लिए ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें ₹11,440 करोड़ की दाल उत्पादन मिशन योजना और ₹24,000 करोड़ की पीएम धन-धान्य कृषि योजना शामिल हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि “कृषि और खेती हमेशा से भारत की विकास यात्रा का अहम हिस्सा रही है। समय के साथ कृषि को निरंतर सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। दुर्भाग्य से पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र की अनदेखी की, लेकिन अब यह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।”
2014 से शुरू हुआ कृषि सुधारों का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार अनिवार्य था। यह प्रक्रिया वर्ष 2014 से आरंभ हुई जब केंद्र सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में सुधार किए। उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में देश की कृषि नीति को पूरी तरह नया दृष्टिकोण मिला है—जहां किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण के प्रमुख सहभागी बन गए हैं।
#WATCH | दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में 35,440 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का भी शुभारंभ किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 11, 2025
(सोर्स: DD न्यूज़) pic.twitter.com/cPwuDhFCOC
पिछली सरकारों ने ‘पिछड़े जिलों’ को भुलाया, हमने बदला उनका चेहरा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व की सरकारों ने देश के 100 से अधिक जिलों को ‘पिछड़ा’ घोषित कर उन्हें अपनी नीतियों से बाहर कर दिया था। जबकि वर्तमान सरकार ने इन जिलों को ‘आशास्पद जिलों (Aspirational Districts)’ के रूप में अपनाया और इन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा।
उन्होंने बताया कि इन जिलों में कभी 20 प्रतिशत से अधिक गांव सड़क से नहीं जुड़े थे, आज अधिकांश बस्तियां सड़कों से जुड़ चुकी हैं। पहले यहां के 17 प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण का लाभ नहीं मिल पा रहा था, अब यह स्थिति पूरी तरह सुधर गई है। पहले 15 प्रतिशत स्कूलों में बिजली नहीं थी, लेकिन आज हर स्कूल में बिजली कनेक्शन उपलब्ध है।

भारत बना दुनिया में दूध उत्पादन में नंबर एक
प्रधानमंत्री ने गर्वपूर्वक कहा कि आज भारत दूध उत्पादन में दुनिया में प्रथम स्थान पर है, जबकि मछली उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। वर्ष 2014 की तुलना में देश में शहद उत्पादन दोगुना, अंडा उत्पादन दोगुना, और कृषि निर्यात लगभग दो गुना हो चुका है।
उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में छह नए फर्टिलाइजर संयंत्र स्थापित किए गए, जिससे यूरिया और अन्य उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित हुई। इसके साथ ही किसानों को 2.5 करोड़ से अधिक मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड दिए गए हैं और सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरीगेशन) की सुविधा अब 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पहुँच चुकी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक किसानों को ₹2 लाख करोड़ से अधिक के दावे स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के समय उन्हें बड़ी राहत मिली है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमारी सरकार का पशुपालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन पर भी पूरा जोर रहा है। पिछले 11 वर्षों में शहद उत्पादन में हुई करीब दोगुना बढ़ोतरी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। pic.twitter.com/DUT8ncjU6X
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2025
किसान उत्पादक संघों ने बढ़ाई किसानों की ताकत
मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देशभर में 10 हजार से अधिक किसान उत्पादक संघ (FPOs) का गठन किया गया है। इससे छोटे किसानों को सामूहिक रूप से बाजार तक पहुंचने, मूल्य निर्धारण करने और उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि आज देश का स्वभाव ऐसा हो गया है कि वह केवल उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होता—अब निरंतर सुधार और नवाचार ही हमारी पहचान है।

नई योजनाएं : किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना इसी सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के क्षेत्र में समन्वित सुधार लाना है। इसके साथ ही दाल उत्पादन मिशन देश की प्रोटीन आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
दाल उत्पादन मिशन योजना के मुख्य लक्ष्य:
- देश में दालों की पैदावार में वृद्धि
- खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार
- दाल की खरीद, भंडारण और प्रसंस्करण प्रणाली को सशक्त बनाना
- नुकसान को न्यूनतम करने के लिए वैज्ञानिक उपाय लागू करना
‘विकसित भारत’ का रास्ता हमारे अन्नदाता भाई-बहनों की समृद्धि से जुड़ा है, इसलिए उन्हें हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराना हमारी बड़ी प्राथमिकता रही है। pic.twitter.com/4oDozt9wlo
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2025
₹815 करोड़ के परियोजनाओं की रखी आधारशिला
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कुल ₹815 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इनमें —
- आंध्र प्रदेश में इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन सुविधा,
- उत्तराखंड में ट्राउट मत्स्य पालन केंद्र,
- नगालैंड में एकीकृत एक्वा पार्क,
- पुडुचेरी में स्मार्ट फिशिंग हार्बर,
- और ओडिशा के हीराकुंड में एडवांस्ड एक्वा पार्क शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल कृषि बल्कि मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
“किसानों को सही मूल्य मिले, यही हमारी प्राथमिकता” — शिवराज सिंह चौहान
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता फिर साबित की है। उन्होंने बताया कि अब तक पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को ₹3.90 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में स्थानांतरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, “किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलना चाहिए। यही हमारी नीति का आधार है और प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में कृषि क्षेत्र ने ऐतिहासिक प्रगति की है।”
अब किसानों के बीच स्वदेशी का संकल्प जोर पकड़ता जा रहा है…#PMDhanDhaanya pic.twitter.com/aeqXX2BA39
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 11, 2025
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