79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का ऐतिहासिक भाषण: सिंधु जल संधि, आत्मनिर्भर भारत और किसानों पर बड़ा संदेश
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 12वें और अब तक के सबसे लंबे भाषण में राष्ट्र के सामने कई महत्वपूर्ण संदेश रखे। 104 मिनट के इस संबोधन में उन्होंने किसानों के हित, आत्मनिर्भर भारत, राष्ट्रीय सुरक्षा, सिंधु जल संधि, पाकिस्तान, घुसपैठ, नक्सलवाद और मोटापा जैसी चुनौतियों पर खुलकर बात की। इस भाषण को राजनीतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि इसमें पहली बार प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सीधा उल्लेख किया।
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सिंधु जल संधि पर कठोर रुख: "खून और पानी साथ नहीं बहेंगे"
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि के संदर्भ से की। उन्होंने स्पष्ट कहा,
“खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। हिंदुस्तान के हक का पानी सिर्फ हिंदुस्तान के किसानों का है। सात दशकों से चल रहा यह एकतरफा समझौता अब स्वीकार्य नहीं।”
उन्होंने बताया कि सिंधु नदी से निकलने वाला पानी भारत की धरती को सींचने के बजाय दुश्मन देशों के खेतों तक पहुँच रहा है, जबकि भारत के किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं। यह बयान पाकिस्तान के लिए सीधी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
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ऑपरेशन सिंदूर और आत्मनिर्भर भारत की शक्ति
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत मेक इन इंडिया को मिशन की तरह न अपनाता, तो आज सैन्य अभियान इतने सफल और तेज नहीं होते। यह न केवल आत्मनिर्भरता की सफलता है, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़त का प्रमाण है।
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आत्मनिर्भरता: सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सामर्थ्य का आधार
मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब केवल आयात-निर्यात का संतुलन नहीं, बल्कि राष्ट्र की शक्ति और क्षमता को बनाए रखना है।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि गुलामी ने हमें निर्धन और निर्भर बना दिया था, लेकिन आजादी के बाद किसानों ने देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई।
“निर्भरता की आदत लग जाना सबसे बड़ा खतरा है। हमें हमेशा जागरूक रहना होगा कि हम आत्मनिर्भर बने रहें।”
Addressing the nation on Independence Day. https://t.co/rsFUG7q6eP
— Narendra Modi (@narendramodi)Addressing the nation on Independence Day. https://t.co/rsFUG7q6eP
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2025
किसानों के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं
अमेरिका और तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों और व्यापारिक दबावों के बीच, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित में भारत कभी भी कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने पीएम धनधान्य कृषि योजना की घोषणा का उल्लेख किया, जिसके तहत 100 पिछड़े कृषि जिलों में खेती को उन्नत बनाने का लक्ष्य है।
पहली बार लाल किले से आरएसएस का जिक्र
अपने संबोधन में मोदी ने पहली बार लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम लेते हुए उसके 100 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने संघ की राष्ट्र सेवा, अनुशासन और समर्पण को सराहा और कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है, जिसने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का कार्य किया है।
स्वास्थ्य पर चेतावनी: मोटापे के खिलाफ अभियान
प्रधानमंत्री ने मोटापे को एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बताते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि परिवार अपने घर में खाना पकाने के तेल का उपयोग 10% कम कर दें, ताकि मोटापे से लड़ाई में योगदान हो सके।
घुसपैठियों पर सख्त रुख
मोदी ने चेतावनी दी कि घुसपैठिए देश के युवाओं की नौकरियां छीन रहे हैं, महिलाओं को निशाना बना रहे हैं और आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।
“जब डेमोग्राफी बदलती है तो संकट आता है। कोई भी देश घुसपैठियों को बढ़ावा नहीं दे सकता।”
इसके लिए सरकार ने हाईपावर्ड डेमोग्राफी मिशन शुरू किया है, जो इस चुनौती से निपटने पर केंद्रित है।
Operation Sindoor has shown why being self-reliant in the world of defence and security matters. Likewise, we need to be self-reliant in areas like technology, space and energy. Through our Nuclear Energy Mission, we aim to increase nuclear energy capacities and involve private… pic.twitter.com/bIQRmg2rO4
— Narendra Modi (@narendramodi)Operation Sindoor has shown why being self-reliant in the world of defence and security matters. Likewise, we need to be self-reliant in areas like technology, space and energy. Through our Nuclear Energy Mission, we aim to increase nuclear energy capacities and involve private… pic.twitter.com/bIQRmg2rO4
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2025
नक्सलवाद का दायरा सिमटा, बदलाव का नया दौर
प्रधानमंत्री ने बताया कि एक समय 125 से अधिक जिलों में फैला नक्सलवाद अब केवल 20 जिलों तक सिमट चुका है। उन्होंने बस्तर का उदाहरण देते हुए कहा कि जो इलाका कभी गोलियों और बमों के लिए जाना जाता था, वहां अब ओलंपिक खेलों की गूंज है।
“रेड कॉरिडोर अब ग्रीन कॉरिडोर बन चुका है।”
ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व
मोदी का यह संबोधन केवल स्वतंत्रता दिवस का भाषण नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों की नीति और रुख का खाका भी है। पाकिस्तान को पानी के मुद्दे पर सख्त चेतावनी, अमेरिका को किसानों पर समझौते से इनकार, आरएसएस का खुला उल्लेख, और घुसपैठ पर कठोर रुख—ये सभी बातें इसे ऐतिहासिक बनाती हैं।
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