PM-KISAN योजना की 20वीं किस्त जारी: 9.7 करोड़ किसानों को 20,844 करोड़ की सहायता
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 2 अगस्त को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त देशभर के किसानों के खातों में ट्रांसफर की। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 9.7 करोड़ किसानों को लगभग 20,844 करोड़ रुपए की राशि डिजिटल माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता तीन किस्तों में दी जाती है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती दी जा सके।
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वाराणसी से राष्ट्रव्यापी किसान सहायता की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना भारत के किसानों के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार गांव, गरीब और किसान के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने देशभर के किसानों से संवाद भी किया और डिजिटल ट्रांसफर की पारदर्शिता को ‘नए भारत’ की कार्यसंस्कृति का प्रमाण बताया।
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इससे पहले 24 फरवरी को आई थी 19वीं किस्त
इससे पूर्व, 24 फरवरी 2025 को योजना की 19वीं किस्त जारी की गई थी, जिसमें 9.8 करोड़ किसानों को लगभग 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। यह योजना 2019 से लगातार जारी है और अब तक करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिल चुका है।
योजना की संरचना और लाभ
PM-किसान योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को हर वर्ष तीन किश्तों में 2-2 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है:
- पहली किस्त: अप्रैल से जुलाई के बीच
- दूसरी किस्त: अगस्त से नवंबर के बीच
- तीसरी किस्त: दिसंबर से मार्च के बीच
यह सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है जिससे किसी भी तरह की बिचौलिया व्यवस्था समाप्त हो चुकी है और पारदर्शिता बनी रहती है।
अगर किस्त न आए तो क्या करें?
अगर किसी किसान को किस्त नहीं मिली है या रजिस्ट्रेशन में कोई दिक्कत है, तो वह PM-KISAN योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर Farmer Corner के Help Desk सेक्शन में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। वहां आधार नंबर, खाता नंबर या मोबाइल नंबर डालकर शिकायत फॉर्म भरा जा सकता है। किसान अपनी शिकायत का विषय चुनकर उसे सबमिट कर सकते हैं।
इसके अलावा किसान कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं। साथ ही स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी अथवा राज्य सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी भी योजना से संबंधित कार्यों में किसानों की मदद करते हैं।
योजना के पात्रता नियम और संशोधन
फरवरी 2019 में जब यह योजना शुरू की गई थी, तब इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों को मिलता था, जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि होती थी। लेकिन जून 2019 में योजना को संशोधित करते हुए सभी भूमिधारी किसानों के लिए इसे लागू कर दिया गया। इससे देशभर के करोड़ों किसान योजना के दायरे में आ गए।
हालांकि, कुछ वर्गों को अब भी इस योजना से बाहर रखा गया है:
- संस्थागत भूमि धारक
- राज्य/केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारी (सेवारत व सेवानिवृत्त)
- सरकारी उपक्रमों या स्वायत्त निकायों के कर्मचारी
- 10,000 रुपये मासिक पेंशन पाने वाले पेंशनर्स
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे प्रोफेशनल्स
- आयकरदाता (पिछले वित्तीय वर्ष में)
एक बड़ी जन-कल्याणकारी योजना की कहानी
PM-किसान योजना अब तक 20 किस्तों में हजारों करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा कर चुकी है। यह न केवल भारत की कृषि व्यवस्था को स्थिरता देती है बल्कि छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक संबल देकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में सहायक बनती है।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में योजना के क्रियान्वयन को और पारदर्शी तथा लाभप्रद बनाने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन, भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित निगरानी, और आधार आधारित प्रमाणीकरण जैसे कदम और प्रभावशाली बनाए जाएंगे।
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