दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में लगे ‘PM गायब हैं’ पोस्टरों के बाद उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह सतर्क हो गई है। पार्टी नेतृत्व ने अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को सख्त गाइडलाइन जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पहलगाम आतंकी हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सिर्फ अधिकृत प्रवक्ता या शीर्ष नेता ही बयान दें, अन्य किसी नेता के व्यक्तिगत या भड़काऊ बयान को पार्टी लाइन से बाहर माना जाएगा।
क्या है मामला?
हाल ही में दिल्ली और कश्मीर के कुछ इलाकों में “PM गायब हैं” जैसे पोस्टर लगाए गए। इनमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पहलगाम आतंकी हमले के बाद चुप्पी साधने का आरोप लगाया गया था। यह हमला 22 अप्रैल को अमरनाथ यात्रा रूट पर हुआ था, जिसमें सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए और देश भर में रोष फैल गया।
इन पोस्टरों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस पर राजनीतिक हमले शुरू हो गए। बीजेपी ने कांग्रेस पर राष्ट्र सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने क्या कदम उठाया?
हालात की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने अपनी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर की इकाइयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं:
- किसी भी नेता को व्यक्तिगत राय देने की अनुमति नहीं है अगर वह पार्टी प्रवक्ता नहीं है।
- पहलगाम हमले जैसे मामलों पर बयान सिर्फ अधिकृत प्रवक्ता, नेता विपक्ष या पार्टी अध्यक्ष देंगे।
- पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाले बयानों पर सीधा अनुशासनात्मक ऐक्शन लिया जाएगा।
- प्रदेश कांग्रेस समितियों को भी हिदायत दी गई है कि स्थानीय नेताओं को संयम बरतने की सलाह दें।
⚠️ अनुशासनहीनता पर कार्रवाई के संकेत
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस विवाद के बाद कुछ स्थानीय नेताओं को मौखिक चेतावनी दी गई है, जिन्होंने सोशल मीडिया या प्रेस में “आक्रामक” बयान दिए। यदि कोई नेता भविष्य में गाइडलाइन का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्यवाही तय मानी जा रही है, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो।
🎯 चुनावी रणनीति से भी जुड़ा मामला
विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस इस समय लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति पर फोकस कर रही है। पार्टी नहीं चाहती कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भ्रम या आक्रोश का माहौल बने, जिससे विपक्ष को मौका मिले। यही कारण है कि पार्टी अब नियंत्रित और रणनीतिक संचार को प्राथमिकता दे रही है।
‘PM गायब’ पोस्टर मामले ने कांग्रेस को एक बार फिर याद दिला दिया है कि भावनात्मक और असंगठित बयानों से बड़ी राजनीतिक क्षति हो सकती है। इसीलिए पार्टी ने पहलगाम हमले पर अनुशासन और सावधानी को अपनी प्राथमिकता बनाया है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!