भारत जल्दबाजी में डील नहीं करता, राष्ट्रीय हित सर्वोपरि : वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
बर्लिन/नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत किसी भी देश के साथ ट्रेड डील (व्यापार समझौता) करते समय कभी जल्दबाजी नहीं करता और न ही किसी के दबाव में आकर निर्णय लेता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है और किसी भी समझौते में लंबी अवधि के भरोसे, पारदर्शिता और समान साझेदारी को महत्व दिया जाता है।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित “बर्लिन डायलॉग” में गोयल ने भारत की व्यापारिक नीति और वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर विस्तृत रूप से विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत इस समय अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU) और अन्य कई देशों के साथ संभावित व्यापारिक समझौतों पर बातचीत कर रहा है, लेकिन इन समझौतों को केवल टैरिफ या बाजार पहुंच के नजरिए से नहीं बल्कि विश्वास और दीर्घकालिक संबंधों के रूप में देखा जाना चाहिए।
“भारत सिर पर बंदूक रखकर डील नहीं करता”
वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा —
“भारत जल्दबाजी में सौदे नहीं करता और न ही सिर पर बंदूक रखकर कोई डील करता है। हमारे लिए हर समझौता एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण का हिस्सा है। यह सिर्फ टैरिफ या वस्तुओं की पहुंच के बारे में नहीं है, बल्कि यह भरोसे और रिश्तों पर आधारित होता है।”
उन्होंने कहा कि भारत के लिए किसी भी व्यापारिक डील का उद्देश्य समानता, पारदर्शिता और आपसी सम्मान पर आधारित साझेदारी बनाना है, न कि किसी दबाव में झुकना। उन्होंने जोड़ा कि भारत के निर्णय हमेशा “राष्ट्रीय हितों” के अनुरूप लिए जाते हैं।
“कोई हमें यह नहीं बता सकता कि हम किसके मित्र बनें”
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत यह तय करने में पूरी तरह स्वतंत्र है कि वह किन देशों के साथ व्यापारिक या रणनीतिक संबंध रखेगा। उन्होंने कहा —
“भारत हमेशा अपने हितों और सिद्धांतों के आधार पर निर्णय करता है। अगर कोई कहे कि आप यूरोपीय संघ के मित्र नहीं रह सकते या केन्या के साथ काम नहीं कर सकते, तो मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा। हमारे निर्णय किसी और के निर्देशों से नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय हित से संचालित होते हैं।”
अमेरिका के प्रतिबंधों पर सवाल — “सिर्फ भारत को क्यों चुना जा रहा है?”
बर्लिन डायलॉग के दौरान गोयल ने अमेरिका द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब जर्मनी और ब्रिटेन को अमेरिका से तेल आयात करने की छूट मिल सकती है, तो भारत को निशाना क्यों बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा —
“मैंने आज अखबार में पढ़ा कि जर्मनी अमेरिका से तेल आयात पर छूट मांग रहा है और ब्रिटेन को शायद यह छूट मिल भी गई है। तो फिर केवल भारत पर ही प्रतिबंध या अतिरिक्त टैरिफ क्यों लगाया जा रहा है?”
गोयल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए हैं और सभी अमेरिकी कंपनियों को उनके साथ कारोबार करने से मना किया है।
अमेरिका ने भारत पर लगाया अतिरिक्त टैरिफ
अमेरिका ने रूस से तेल आयात जारी रखने को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। यह टैरिफ अमेरिकी बाजारों में पहले से लागू 25 प्रतिशत सामान्य आयात शुल्क के अतिरिक्त है। इस तरह भारतीय सामान पर कुल 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लग रहा है।
भारत सरकार ने इन ड्यूटी को “अनुचित और बेबुनियाद” बताया है। वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय व्यापार के वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) मानकों के विरुद्ध है और भारत इस पर उचित प्रतिक्रिया देगा।
अमेरिका से चल रही द्विपक्षीय बातचीत
इस बीच भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर वार्ता लगातार जारी है। इस वार्ता का नेतृत्व भारत की ओर से कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल कर रहे हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी counterparts के साथ तीन दिन की बैठक की, जो 17 अक्टूबर को समाप्त हुई।
दोनों देशों के नेताओं ने फरवरी 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने की समयसीमा तय की है। पिछले महीने, पीयूष गोयल ने भी न्यूयॉर्क में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
“फेयर और बेहतरीन डील होगी”
पीयूष गोयल ने दोहराया कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा —
“भारत और अमेरिका के बीच समझौते को लेकर बातचीत काफी अच्छी चल रही है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच एक फेयर और बेहतरीन डील होगी, जो दोनों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद सिद्ध होगी।”
उन्होंने कहा कि भारत किसी भी व्यापारिक साझेदारी में समानता के सिद्धांत पर विश्वास करता है और किसी भी देश के साथ डील करते समय यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय उद्योग, किसानों और उद्यमियों के हितों की रक्षा हो।
“भारत नए बाजारों की तलाश में”
गोयल ने कहा कि बढ़ते वैश्विक टैरिफ और बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच भारत अब नए बाजारों की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया भारत के लिए नए व्यापारिक अवसर प्रदान कर रहे हैं। भारत अब अपनी आर्थिक रणनीति को बहु-आयामी दिशा में आगे बढ़ा रहा है, ताकि किसी एक बाजार या देश पर निर्भरता न रहे।
“ट्रेड डील विश्वास और संतुलन पर आधारित होनी चाहिए”
पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी व्यापारिक समझौते को केवल “आर्थिक सौदे” के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा —
“ट्रेड डील सिर्फ टैरिफ या वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच का मामला नहीं होती। यह भरोसे, संतुलन और आपसी सम्मान का मामला है। हमें ऐसे संबंध बनाने हैं जो लंबे समय तक टिके रहें, न कि तात्कालिक लाभ के लिए।”
✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!